रैयतों और विस्थापितों के लिए संघर्ष रहेगा जारी : सैनाथ गंझू
रामगढ़: रैयत विस्थापित मोर्चा का 15वां स्थापना दिवस रविवार को रिवर साइड स्थित ऑफिसर्स क्लब में समारोहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीसीएल बरका-सयाल कमेटी के क्षेत्रीय अध्यक्ष सूरज बेसरा और संचालन क्षेत्रीय सचिव मोहन सोरेन ने किया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि रैयत विस्थापित मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सैनाथ गंझू और विशिष्ट अतिथि केंद्रीय कोषाध्यक्ष रंजीत बेसरा शामिल हुए। समारोह की शुरुआत झारखंड के वीर शहीदों और दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर की गई। इसके उपरांत कमेटी ने अतिथियों का स्वागत माला पहनाकर किया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय महासचिव सैनाथ गंझू ने कहा कि रैयत विस्थापितों मोर्चा पिछले 15 वर्षों से राज्य के रैयतों और विस्थापितों की आवाज है। रैयत-विस्थापितों को मान-सम्मान और उनका वाजिब अधिकार दिलाने में मोर्चा ने सशक्त भागीदारी निभाई है और यह संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।
समारोह को संबोधित करते हुए अन्य वक्ताओं ने क्षेत्र के रैयतों और विस्थापितों की समस्याओं पर अपने विचार रखे। इस दौरान भुरकुंडा लोकल सेल के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। कहा गया कि क्षेत्र के रैयत विस्थापित हमेशा से छले जाते रहे हैं। उनके अधिकारों की हमेशा से अनदेखी की गई है। सीसीएल प्रबंधन भुरकुंडा लोकल सेल के संचालन का जिम्मा रैयत-विस्थापितों दे, अन्यथा मोर्चा बड़े आंदोलन को बाध्य होगा। इसके साथ ही वक्ताओं ने मोर्चा को मजबूत करने और अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का आव्हान किया।
मौके पर हरिलाल बेदिया, ब्रह्मदेव मुर्मू, राम कुमार सोरेन, सुरेश बेदिया, संजय कुमार वर्मा, राजेश करमाली, सुखदेव उरांव, बैजनाथ बेदिया, रविंद्र बेसरा, लाल बिहारी मांझी, शंकर मांझी, संतोष उरांव, सन्नी सोरेन, पप्पू सिंह, आकाश करमाली,रामेश्वर मांझी, बबलू मांझी, राजकुमार सोरेन, सुनील मुर्मू, राजेश मुर्मू, मनोज हांसदा, पवन बेसरा, ठुरका मांझी, सुनील मुंडा, नंदकिशोर करमाली सहित अन्य उपस्थित थे।
क्षेत्रीय कमेटी में 9 लोगों को दिया गया पदभार
कार्यक्रम के दौरान कई लोगों ने रैयत विस्थापित मोर्चा की सदस्यता ग्रहण की। इसके साथ ही कई लोगों को बरका-सयाल क्षेत्रीय कमेटी में पदभार सौंपा गया। श्रीनाथ करमाली, अनिल हेंब्रम और सुनील मुर्मू उपाध्यक्ष, राजेश मुर्मू, राजेश मुंडा, सुखदेव उरांव और राजेश करमाली सह-सचिव मनोनीत किए गए। जबकि नंदू करमाली, ब्रह्मदेव मुर्मू और बबलू सोरेन कार्यकारिणी सदस्य के रूप में शामिल किए गए। |