बड़़कागांव: रैयत विस्थापित मोर्चा ने बड़कागांव प्रखंड के अंचलाधिकारी को सीसीएल के द्वारा घर मापी हेतु वंशावली मांगने के विरोध में एक पत्र सौंपा है।

जिसमें कहा गया है कि हम सभी पोटंगा रसका टोला भुरकुंडवा नीम टोला के ग्रामीण रैयतों का कहना है कि सीसीएल के द्वारा घर मापी हेतू जबरन वंशावली बनाने हेतू हम रैयतों को जबरन दबाव दिया जा रहा है जबकि इससे पूर्व में जिन रैयतों को घर उठाया गया उस समय रैयतों से किसी प्रकार की वंशावली की मांग नहीं किया गया था। सीसीएल के इस दौरे नीति का हम सभी ग्रामीण रैयत पुरजोर विरोध करते हैं। पत्र में आगें कहा गया है कि हमारी जमीन न्यू बिरसा एवं उरीमारी परियोजना में कोयला खनन हेतू अधिकृत किया गया है। जिसके बदले कुछ एक रैयतों को नौकरी, मुआवजा दिया गया है। तकरीबन 40-50 वर्षों से भारत सरकार ने हमारी जमीन अधिग्रहण किया है एवं अभी तक यहां के रैयतों का बकाया नौकरी मुआवजा कंपनी के प्रावधान के तहत नहीं मिला है। हम आदिवासी जीवन यापन के लिए दूसरे राज्य के ईट भट्ठों में काम कर रहे हैं। हम सभी ग्रामीण रैयत मूलतः आदिवासी समाज से है। सीसीएल प्रबंधन के द्वारा हम आदिवासी रैयत परिवारों को जबरन वंशावली बनाकर घर मापी करने का प्रयास किया जा रहा है। सीसीएल प्रबंधन हम रैयतों को 40 वर्ष से हक अधिकार से वंचित रखा है। जिन रैयतों का घर पूर्व में खाली कराया गया उन रैयतों को आज टूटे-फूटे मकान में रहने को विवश हैं कभी भी छत गिर सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है।

पत्र के अंत में कहा गया है कि अतः उपरोक्त विषय अति संवेदनशील है। जिसमें उचित कार्रवाई करते हुए हम आदिवासी रैयत परिवारों को उचित हक दिलाने एवं जानमाल की सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि हम आदिवासी रैयत परिवार का धन और धर्म की रक्षा हो सके।

सीसीएल के द्वारा घर मापी हेतू वंशावली का विरोध करने वालों में मुख्य रूप से जूरा सोरेन, मनीराम मांझी, विजय टुडू, राजू सोरेन, सरजू सोरेन, मुन्ना सोरेन, राजू टुडू, जयपल सोरेन, विजय टुडू, दीपक सोरेन, मंडा टुडू, अजय किस्कू, अर्जुन टुडू, गुप्ता सोरेन, अनिल सोरेन, नरेश सोरेन, तलु टुडू, जतरू सोरेन, मनोज सोरेन, दिलीप टुडू सहित कई ग्रामीण शामिल हैं।

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