कोडरमा: डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती शुक्रवार को चेचाई के पासवान टोला में सामाजिक समरसता मंच और जिला विधिक सेवा प्राधिकार के संयुक्त तत्वावधान में धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता छतरबर पंचायत की पूर्व मुखिया मंजु देवी और संचालन अनिल ने किया।
कार्यक्रम में अतिथियों और ग्रामीणों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहीं दीप प्रज्जवलित कर जयंती समारोह का शुभारंभ किया गया। समारोह में वक्ताओं ने बाबा साहेब की जीवनी और उनके विचारों को साझा किया।
समारोह में वक्ता किशोर पासवान ने अपने सम्बोधन में कहा भारतीय इतिहास निश्चित रूप से कई देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारकों से भरा हुआ है। उन्हीं में से एक प्रसिद्ध नाम भीमराव रामजी अंबेडकर का है। आज बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई जा रही है। बाबा साहब अंबेडकर की जयंती नये भारत के निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान के लिए मनाई जाती है।
मोनिका कुमारी ने कहा कि डॉ. अंबेडकर एक राजनीतिज्ञ, न्यायविद, अर्थशास्त्री और समाज सुधारक थे। वह स्वतंत्रता भारत के पहले कानून मंत्री भी थे। अंबेडकर ने भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने में मुख्य भूमिका निभाई थी। बाबा साहब अंबेडकर ने दो-दो पीएचडी, दो-दो परास्नातक डिग्रियों सहित अपने जीवन में कुल 27 अकादमिक डिग्रियां हासिल की थीं।
वहीं रितेश माधव ने कहा डॉ अंबेडकर ने दुनियाभर की तकरीबन 14 भाषाओं में महारत हासिल की थी। उन्होंने अपने स्वयं के प्रयास से संस्कृत का गहन अध्ययन भी किया था। यह उनके दृढ़ निश्चय, अटूट हौसले और अपमान की उस पीड़ा को परिवर्तन के परिणाम में बदल देने जिद का नतीजा था। जिस अपमान और पीड़ा को उन्होंने अपने शुरुआती जीवन में झेला था।
सभा मे अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। मौके पर जूही दास गुप्ता, सुरेश सिंह, भागीरथ साव, महादेव पासवान, दुर्गा साव, किशोर साव, किशोर पासवान, नारायण पासवान, मंजीत पासवान, सुरेंद्र पासवान, माला देवी, शांति देवी, कौशल्या देवी, संजय उजाला, दयाल, अनिल, संतोष साव, अरूण पासवान सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।