रामगढ़: भुरकुंडा कोयलांचल सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में बसंत पंचमी के अवसर पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा हर्षोल्लास से हुई। कई जगहों पर पूजा पंडाल में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। क्षेत्र के भुरकुंडा, जवाहरनगर, भदानीनगर, चैनगड्डा, रीवर साइड, सेंट्रल सौंदा, सौंदा बस्ती, सहित बासल क्षेत्र में कई जगहों पर पूजा का आयोजन किया गया। कई पूजा पंडालों में आकर्षक सजावट और विद्युत सज्जा देखी गई। क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में भी प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार से क्षेत्र गूंजायमान रहा। वहीं पंडाल में मां शारदे के दर्शन को लोगों की भीड़ उमड़ती रही। सभी ने नतमस्तक होकर प्रसाद ग्रहण किया और मंगलकामना की।
बिरसा चौक स्थित ए’ला एंग्लाइज में भी हर्षोल्लास से मां सरस्वती की पूजा की गई और आगंतुकों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। पूजा में प्राचार्य विजयंत कुमार, सचिव गजाधर महतो प्रभाकर सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं और बच्चे शामिल रहे।

भुरकुंडा हॉस्पिटल कॉलोनी पूजा समिति द्वारा सीसीएल आदर्श क्षेत्रीय चिकित्सालय भुरकुंडा के निकट पंडाल में मां सरस्वती की विधिवत पूजा की गई और प्रसाद का वितरण किया गया। आयोजन को सफल बनाने में संरक्षक मुखिया अजय पासवान, अध्यक्ष दानिश, सचिव अभिषेक सोनी, शिव, अजीत, करण, आकाश, कुणाल, विकास सहित अन्य ने योगदान दिया।

श्री श्री सरस्वती पूजा समिति युवा ग्रुप चैनगड्डा के तत्वावधान में मां सरस्वती की विधिवत पूजा अर्चना की गई। पंडित महेंंद्र उपाध्याय के द्वारा पूजा कराई गई। जबकि प्रवीण महतो, रमेश महतो और उचित महतो पूजा पर बैठे। पूजा के सफल आयोजन में अध्यक्ष अशोक महतो, सचिव पंकज महतो, कोषाध्यक्ष प्रभुदेव महतो, उपाध्यक्ष रंजीत महतो, संरक्षक रोहित महतो, सदस्य बंधन महतो, संजय महतो, अवधेश महतो, दीपक महतो, भरत महतो, राजू, विरेंद्र, प्रकाश, रमेश, अनीस, रंजीत, राहुल, मोहन, मनीष, राजकुमार, सूरज सहित अन्य ने योगदान दिया।

निम्मी करमाली टोला में नवयुवक सरना समिति के तत्वावधान में पूजा का आयोजन किया गया। पूजा के उपरांत श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। आयोजन को सफल बनाने में अध्यक्ष पवन करमाली, सचिव श्रवण करमाली, कोषाध्यक्ष ब्रजेश करमाली, सदस्य जीवन, कृष्णा, गणेश, रविंद्र, राज, अशोक, प्रकाश, सूरज, बसंत, कपिलदेव, जगेश्वर, ओम सहित अन्य का सराहनीय योगदान रहा।