रामगढ़ में बसंत पंचमी की तैयारी जोरों पर

रामगढ़: बसंत पंचमी पर विद्यादायिनी मां सरस्वती की पूजा की तैयारी जोरों पर है। जिले में जगह-जगह मूर्तिकार पूरी तन्मयता से मां सरस्वती की प्रतिमा को अंतिम रूप देते हुए दिख रहे हैं।

प्रतिमाओं की कीमत एक हजार से लेकर आठ हजार रूपये तक बताई जा रही है। मूर्तिकारों के अनुसार अब तक 40 से 50 प्रतिशत प्रतिमाओं की बुकिंग हो चुकी है। हालांकि डिमांड में कोई वृद्धि फिलहाल नहीं देखी जा रही है। बावजूद इसके मूर्तिकार हर्ष के साथ देवी की विभिन्न छवियों की प्रतिमाओं को सवांरने और सजाने में लगे हुए हैं।

अधिकांश मूर्तिकार पश्चिम बंगाल के झालदा और पुरूलिया क्षेत्र के बताए जाते हैं। जो पूजा से पूर्व रामगढ़ सहित अन्य जिलों में प्रतिमा बनाते और विक्रय कर अपने परिजनों के लिए जीविकोपार्जन के साधन जुटाते है। मूर्तिकार बताते हैं कि उनका पुश्तैनी काम है। पूजा से पहले सभी अलग-अलग समूह बनाकर झारखंड सहित अन्य राज्यों में जाकर प्रतिमाएं बनाते हैं। चूंकि झारखंड पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है और यहां बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा काफी धूमधाम से की जाती है, इसलिए अधिकांश मूर्तिकार झारखंड का रुख करते हैं। यह सिलसिला पिछले कई दशकों से चला आ रहा है।

भुरकुंडा में मूर्तिकार बलराम सूत्रधार ने बताया कि पिता वर्षों तक भुरकुंडा आकर प्रतिमा बनाते थे। अब मैं अपने बच्चों के साथ आता हूं। साथ में दो-तीन सहयोगी भी साथ हैं। सभी पश्चिम बंगाल के पुरूलिया स्थित बाकमुंडी गांव से हैं। पूजा के लिए प्रतिमाएं बनाते हैं जिससे सीजन में जीविकोपार्जन के लिए एक अच्छी आय प्राप्त हो जाती है। बताते हैं कि पीएम विश्वकर्मा योजना का फॉर्म भी भर दिया है। योजना के तहत लाभ मिलने पर काफी सहूलियतें होंगी। कला और कारोबार दोनों को विस्तार मिल सकेगा।

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