रामगढ़: वर्ष 2025 सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र के लिए कई मायनों में खास रहेगा। इस साल माइनिंग सहित कई प्रोजेक्ट पर काम होता दिखेगा। कई बड़ी उपलब्धियां सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र के हिस्से में जुड़ सकती है।

बात पहले भुरकुंडा कोयलांचल की लाइफलाइन आदर्श क्षेत्रीय चिकित्सालय भुरकुंडा की करते हैं। भुरकुंडा अस्पताल का यह शताब्दी वर्ष है। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान वर्ष 1925 में मामूली डिस्पेंसरी के रूप में इसकी स्थापना हुई थी। आज अस्पताल सोलर पावर ग्रिड सिस्टम से पूरी तरह से लैस हो चुका है। आनेवाले समय में अस्पताल में बिजली की पूरी खपत सोलर एनर्जी से उत्पन्न बिजली से होगी। 

केके कोलियरी और सौंदा ‘डी’ में शुरू हो सकती है माइनिंग 

इस साल प्रक्षेत्र में माइनिंग के क्षेत्र में भी प्रगति देखी जा सकती है। रेवेन्यू शेयरिंग प्रोजेक्ट के तहत इस साल के मध्य में केके कोलियरी और आखिरी में सौंदा ‘डी’ कोलियरी में ओपन कास्ट माइनिंग शुरू हो सकती है। इसे लेकर खनन कंपनी जरूरी क्लीयरेंस लेने और माइनिंग की तैयारियों में जुटी हुई है। 2025 में भुरकुंडा में संगम ओपन कास्ट माइंस में भी माइनिंग की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है। जबकि जीवनधारा प्रोजेक्ट को लेकर किसी तरह की सुगबुगाहट फिलहाल नहीं दिख रही है।

सीएसआर फंड से भी होंगे कई काम

सीसीएल के सीएसआर फंड से सौंदा बस्ती में कम्युनिटी सेंटर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इस साल उद्घाटन के बाद इसे लोकल कमेटी को हैंडओवर कर दिया जाएगा। इसके अलावे उरीमारी, हेंदेगीर सहित अन्य क्षेत्रों में पीसीसी पथ निर्माण और डीप बोरिंग की कई योजनाओं पर भी अमल देखने को मिल सकता है।  सीएसआर विभाग की ओर से भी प्रक्षेत्र अंतर्गत डीएवी बरकाकाना और डीएवी उरीमारी के लिए स्कूल बसों का परिचालन जल्द ही शुरू कराया जा सकता है। 

कायाकल्प वाटिका के निर्माण में भी दिखेंगी बड़ी प्रगति 

वर्तमान वर्ष में सीसीएल बरका-सयाल अंतर्गत भुरकुंडा के नीचे धौड़ा, करमाली टोला और लपंगा में झारखंड सरकार द्वारा बनाए गए तीन सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को जल्द ही चालू किया जा सकता है। इसके साथ ही बलकुदरा ओबी डंप पर बन रहे सीसीएल की कायाकल्प वाटिका में बुनियादी ढांचे के साथ धरातल पर बड़े पैमाने पर निर्माण होता देखा जा सकेगा। 

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