झारखंड में पहली बार जनजातीय फिल्म महोत्सव का आयोजन 

कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने किया उद्घाटन 

रांची: डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण अनुसंधान संस्थान में मंगलवार को पहले “धरती आबा जनजातीय फिल्म फेस्टिवल 2025 ” का शुभारंभ हुआ। जिसका उद्घाटन सूबे के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने किया।अवसर पर उन्होंने कहा कि यह महोत्सव केवल फिल्मों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारी आदिवासी पहचान, परंपरा और जीवन दर्शन का उत्सव है। फिल्म एक सशक्त माध्यम है जो जनजातीय भारत की आत्मा, उसकी संस्कृति और संघर्षों को दुनिया के सामने लाती है। राज्य सरकार जनजातीय समाज के समग्र विकास और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।यह फिल्म महोत्सव झारखंड सरकार एवं भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।

मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि जब भी किसी व्यक्ति, समुदाय या जनजातीय जीवन पर फिल्म बनाई जाए, तो उसके दृश्य और कथानक यथार्थ पर आधारित हों — न कि काल्पनिक या भ्रामक। कला और सिनेमा का दायित्व समाज की सच्चाई को उजागर करना है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ सही परिप्रेक्ष्य में अपनी जड़ों को पहचान सकें। इस पहल से आदिवासी कलाकारों और युवाओं को अपनी अभिव्यक्ति का एक सशक्त मंच मिलेगा, जिससे वे अपने समुदाय की वास्तविक कहानियों को राष्ट्रीय और वैश्विक पटल पर प्रस्तुत कर सकेंगे। चमरा लिंडा ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता केवल आर्थिक विकास नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और भाषाई विविधता का संरक्षण भी है। ऐसे आयोजन हमारी परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाने में सेतु का कार्य करेंगे।

महोत्सव का उद्देश्य देश के जनजातीय समाज की विविध कला, संस्कृति, परंपरा और संघर्षों को सिनेमा के माध्यम से राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करना है। इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय फिल्म निर्माताओं, शोधकर्ताओं और कलाकारों ने अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से आदिवासी जीवन के गहरे सरोकारों को साझा किया।

फेस्टिवल के दौरान झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम, नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल सहित 15 राज्यों की 70 से अधिक फिल्में प्रदर्शित की जा रही हैं। इनमें “Palash”, “ “हेंडे सोना एंड ब्लैक गोल्ड”, “फूलो”, “कुसुम”, “नाची से बाची”  जैसी चर्चित फिल्मों के साथ कई World Premiere और National Premiere भी शामिल हैं।

अवसर पर विभाग के सचिव  कृपा नन्द झा, रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक करमा ज़िम्पा भुट्टिया, विशेष सचिव नेलसन बागे तथा कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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