रामगढ़: एक ओर जहां दुनिया भर में धरती को बचाने की मुहीम चल रही है, सुरक्षित भविष्य के लिए लाखों-करोड़ों खर्च कर पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं, उनके संरक्षण के संकल्प लिए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ नासमझ लोग अब भी स्वार्थवश पेड़ों की कटाई करने से नहीं चूक रहे हैं। ताज़ा मामला पतरातू प्रखंड के बनगड्डा में देखने को मिल रहा है। जहां रामगढ़-पतरातू फोरलेन सड़क के ठीक बगल बीती रात तीन वृक्षों की एक साथ कटाई कर चोरी कर ली गई। पीछे रह गए कुछ इंच के अवशेष रूपी तने और बिखरी हुई टहनियां। इन पेड़ों का आकार भी ऐसा कि इनका उपयोग महज खूंटे-बल्लियों या फिर जलावन के तौर पर ही किया जा सकेगा। विडंबना यह है कि मुख्य मार्ग के ठीक बगल तीन पेड़ों पर रात में कुल्हाड़ियां चलती रहीं, तीनों पेड़ काटकर चुरा लिए गए और कारगुजारी को अंजाम देनेवाले अब भी अज्ञात है।
बहराल, इन पेड़ों ने अभी जड़ें जमाकर मजबूती पाई थी।इन्हें अभी और बढ़ना था…हरा-भरा और घना होना था… किसी पंक्षी का बसेरा बनना था… तपते मौसम में किसी जीव के लिए छाया बनना था। जिस स्वार्थ के लिए ये तीन नये पेड़ काटे गए उनकी पूर्ति के लिए निश्चित रूप से अन्य विकल्प भी जरूर होंगे। नासमझों को शायद ही यह बात समझ आए।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय लोग बताते हैं कि बुधवार की सुबह पेड़ कटे हुए देखे गए। रात में तीनों पेड़ों को किन लोगों ने काटा और किस तरफ ले जाया यह जानकारी नहीं मिल सकी है। बताया गया कि बीते वर्ष भी यहां पेट्रोल पंप के ठीक पास में ही दो पेड़ काटकर गायब कर दिए गए थे। जमीन पर जिनके अवशेष रूपी तने अब भी देखें जा सकते हैं।
जन सहभागिता से ही संभव है पेड़-पौधों का संरक्षण : रेंजर
मामले पर वन क्षेत्र पदाधिकारी पतरातू राकेश कुमार सिंह से दूरभाष पर पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वृक्षों की कटाई के संबंध में कोई सूचना या शिकायत नहीं मिली है। उक्त जमीन जिस व्यक्ति अथवा विभाग की है, वह शिकायत करें तो कार्रवाई जरूर की जाएगी। सड़क पर पेड़ के परिवहन पर वन विभाग स्वत: एक्शन लेता है। उन्होंने कहा कि लोगों को पेड़-पौधों का महत्व समझना चाहिए। इनका संरक्षण जन सहभागिता से ही संभव है।