सामाजिक न्याय के ईमानदार योद्धा थे कर्पूरी ठाकुर: विनोद लहरी

रांची: भाकपा-माले राज्य कार्यालय में जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती बुधवार को मनायी गई। कर्पूरी ठाकुर की तस्वीर पर माल्यार्पण और मौन श्रद्धांजलि के बाद सभा की गई।

जिसमे माले नेताओं ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर अत्यंत ही गरीब और हाशिए की पिछड़ी जाति परिवार से आते थे. अपने छात्र जीवन में ही वे आजादी के आंदोलन के साथ जुड़ गए थे। वे एआईएसएफ के सदस्य भी रहे। आजादी के बाद वे भारतीय सोशलिस्ट खेमे से जुड़ गए। उन्होंने अपनी पार्टी प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का लोहिया की सोशलिस्ट पार्टी के साथ विलय कर संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का गठन किया। ‘आजादी और रोटी’ के नारे के साथ उन्होंने ‘सौ में पिछड़ा पाए साठ’ को अपना राजनीतिक एजेंडा बनाया। दलितों पर बढ़ते जातिवादी हमलों के खिलाफ उन्होंने दलितों को सशस्त्र करने की मांग बुलंद की। एक जनप्रतिनिधि के रूप में वे ईमानदार और सड़क से सदन तक जूझने वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं।

वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में अभूतपूर्व राजनीति संकट है. आजादी से हासिल लोकतंत्र और संविधान दांव पर है। देश गरीबी, बेरोजगारी और कॉरपोरेट लूट से तबाही के भंवर में फंसा हुआ है। मोदी सरकार के द्वारा लगातार जन अधिकारों को छीना जा रहा है और कानूनों में संशोधनों के जरिए भारत को फासिस्ट राज्य में तब्दील किया जा रहा है। संसद और तमाम अन्य संस्थाएं अपनी भूमिका से पतित होकर सरकार की हुक्मबरदारी कर रही हैं।

सभा में माले नेता विनोद लहरी,भीम साव, सुदामा खल्को, आइसा नेता त्रिलोकीनाथ, ऐपवा नेता नंदिता भट्टाचार्य, शिल्पी घोषाल, सोनाली केवट, अधिवक्ता सोहैल अंसारी आदि वक्ताओं ने कर्पूरी ठाकुर के व्यक्तित्व और राजनीतिक जीवन पर प्रकाश डाला। मौके पर कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

 

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