पहाड़िया बालिकाओं को कौशल प्रशिक्षण से जोड़ेंगे: उपायुक्त
साहिबगंज: बेंगलुरु से ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार 11 लड़कियों को झारखंड सरकार के प्रयास से वापस रांची लाया गया है। इनमें साहिबगंज जिले के बरहेट प्रखंड की चार और पाकुड़ जिले की सात लड़कियां शामिल हैं। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी के नेतृत्व में गई टीम ने रांची से लड़कियों को वापस साहिबगंज जिला लाकर बाल कल्याण समिति के माध्यम से परिवारजनों को सौंप दिया गया।
इस क्रम में उपायुक्त रामनिवास यादव ने अपने कार्यालय में लड़कियों एवं उनके परिवार जनों से मुलाकात की। उपायुक्त ने लड़कियों से बात करते हुए कहां कि आप अच्छी शिक्षा ले और उनके बेहतर कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि इन बच्चों का काउंसलिंग किया जाए और जो भी व्यक्ति ट्रैफिकिंग में शामिल हो उसके लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (अहतु) को जानकारी दें।
इस दौरान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुमन गुप्ता ने कहा कि इन बच्चियों के शिक्षा प्रशिक्षण से जुड़ी हर समस्याओं का समाधान किया जाएगा। सभी विभागों से समन्वय बनाकर इनके परिवारों को भी समुचित लाभ पहुंचाया जाएगा।
बताया गया कि सभी किशोरियों की काउंसेलिंग करते हुए उनके व्यक्तिगत देखरेख योजना, पुनर्वास एवं उनके परिवार को विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभांवित करने हेतु बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई एवं विभिन्न संबद्ध विभागों के साथ समन्वय स्थापित किए जा रहे हैं।
वहीं जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ. सुरेंद्र नाथ तिवारी और जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी ने बताया कि इनकी काउंसलिंग में यह बात स्पष्ट हुई है कि इन्हें ट्रैफिकिंग करके ले जाया गया था और सरकार के दिशा निर्देश में बाल कल्याण समिति साहिबगंज और जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा अहतु थाना को पत्राचार किया जा रहा है की लड़कियों ने जो नाम बताया है उन पर जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई प्रारंभ हो। इन लड़कियों को सबसे पहले स्किल्ड कार्यक्रम से जोड़ने की तैयारी हो रही है ताकि यह प्रशिक्षित हो पाएं।
श्रम अधिकारी धीरेंद्र कुमार महतो ने आश्वस्त किया है कि इन सभी बालिकाओं को साहिबगंज में चल रहे कौशल प्रशिक्षण केंद्र में नामांकित करवा कर इन्हें उपयोगी प्रशिक्षण दिया जाएगा।