बड़कागांव: उरीमारी पंचायत के ग्रामीणों की बैठक हेसाबेड़ा बस्ती में विभिन्न जन समस्याओं को लेकर दुर्गा मंडप परिसर में बुधवार को हुई। बैठक की अध्यक्षता मांझी हड़ाम सीताराम किस्कू और संचालन परानिक हड़ाम संजीव सोरेन ने किया।

बैठक में मुख्य रूप से लोकल रोड सेल में प्रतिदिन कम से कम 100 गाड़ी लगाया जाए, हेसाबेड़ा सरना स्थल की चाहरदीवारी जल्द से जल्द किया जाय, सीसीएल द्वारा अधिग्रहित जमीन के बदले बकाया नौकरी और मुआवजा यथा शीघ्र दिया जाय, बिरसा चौक से श्मशान घाट तक पथ निर्माण एवं श्मशान शेड का निर्माण किया जाय, हेसाबेड़ा स्थिति खराब पड़े समरसेबल का जल्द से जल्द मरम्मत किया जाय, सरना स्थल पर नया डीप बोरिंग कराया जाय, हेसाबेड़ा कर्मा मंदिर का रंग रोगन एवं जमीन पर ईंट सोलिंग कार्य कराया जाय, पिंडरा स्थित जियो टावर से चरण मांझी के घर तक सड़क निर्माण, पिंडरा स्थित सीसीएल द्वारा उपलब्ध सामुदायिक भवन की मरम्मती, शनिवार बाजार से बब्लू मांझी के घर होते हुए सोहराई मांझी के घर तक सड़क निर्माण, हेसाबेड़ा बस्ती, रोहनगोड़ा और पिंडरा में पेयजल आपूर्ति को नियमित करने, रेलवे साइडिंग में स्थानीय विस्थापित बेरोजगारों को रोजगार देने सहित कई समस्याओं पर चर्चा हुई।

वहीं बैठक में ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि पंचायत के चुने हुए जनप्रतिनिधि एवं विभिन्न दलों के नेता जो अपने आप को ग्रामीणों का सबसे बड़ा हितैषी बताते हैं। उन्हें इस भीषण गर्मी में हम ग्रामीणों की समस्या ना ही दिखाई पड़ रही है और ना ही हमारी बात उन्हें सुनाई दे रही है। रोज दो दो हाथ हम अपनी समस्याओं से कर रहे हैं। चुनाव आते ही जनप्रतिनिधि लोक लुभावने वादे कर हम ग्रामीणों को अपनी ओर आकर्षित करने का काम करते हैं और काम निकलते ही हम सभी को अपनी समस्याओं के साथ रोज लड़ने के लिए छोड़ देते हैं। अगर हम ग्रामीणों की समस्या जल्द से जल्द समाधान नहीं हुआ तो हम सभी ग्रामीण ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों एवं नेताओं का मांझी हड़ाम सीताराम किस्कू के नेतृत्व में विरोध करेंगे।

बैठक में मुख्य रूप से कानू मरांडी, शनिचरवा मांझी, मुनिशराम मांझी, मोहन मांझी, पतिलाल मांझी, सिगू मांझी, लालदेव सोरेन, महादेव टुडू, अरूण किस्कू, आनन्द टुडू, जितू मुर्मू, रोहित मरांडी, राजेश बेसरा, देवराज मांझी, शिकारी सोरेन, प्रभु मांझी, बंशीलाल मांझी, मनू टुडू, सोमरा मांझी, विक्की पवरिया, राकेश किस्कू, अजय किस्कू, बिहारी मांझी, किसन किस्कू, राजू किस्कू, जागो मांझी, मुकेश बेसरा, बिरसा मांझी, प्रकाश बेसरा, मजून्दर किस्कू, राजन बहादुर, राजन महतो, अजय बेसरा, छोटू सोरेन, सुरेश मांझी, अविनाश किस्कू, निरंजन किस्कू, सोमरा पवरिया, जितेश मुर्म, विकास किस्कू सहित हेसाबेड़ा, रोहनगोड़ा और पिंडरा बस्ती के कई ग्रामीण मौजूद थे।

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