उरीमारी (हजारीबाग): विस्थापित संघर्ष मोर्चा उरीमारी पोटंगा के तत्वावधान में शुक्रवार को कांटा घर प्रांगण उरीमारी में हर्षोल्लास से विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। वहीं विश्व आदिवासी दिवस के पावन अवसर पर हेसाबेड़ा सरना स्थल पर लगभग एक सौ पौधों का रोपण किया गया।। जिसमें सखुआ, आम, बरगद, बेल का पौधा लगाया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कोलियरी मजदूरी यूनियन के क्षेत्रीय सचिव सह विस्थापित संघर्ष मोर्चा के संरक्षक राजू यादव उपस्थित थे।

मौके पर यूनियन के क्षेत्रीय सचिव राजू यादव ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस हर साल 9 अगस्त को दुनियाभर में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना है। विश्व आदिवासी दिवस का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों की समस्याओं, उनकी संस्कृति, परंपराओं और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना है। इसके अलावा यह दिन लोगों को यह समझने में मदद करती है कि आदिवासी लोग हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनकी परम्पराएं, उनकी भाषा, उनकी जीवनशैली हमें यह सिखाती है कि प्रकृति हमारे जीवन का आधार है, हमें प्रकृति के नियमों का हमेशा पालन करना चाहिए और हमें अपने मूल्यों को कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1994 में घोषित किया गया था और तब से इसे हर साल वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है।

मौके पर मुख्य रूप से विस्थापित संघर्ष मोर्चा के सचिव महादेव बेसरा, सीताराम किस्कू, कानू मरांडी, पंचायत समिति सदस्य उरीमारी गीता देवी, डॉ जी आर भगत, तालो बेसरा, सिगू हेंब्रम, जतरू बेसरा, दशाराम हेम्ब्रोम, मन्नू टुडू, आनंद टुडू, रतन पावरिया, अनिल हेंब्रम, मुकेश बेसरा, अर्जुन बेसरा, चंदन पावरिया, आकाश मरांडी, शक्ति बेसरा, राजू किस्कू, प्रभु किस्कू, राम बेसरा, सीतामुनी देवी, फूलमती देवी, फुलमुनी देवी, शांति देवी, तेतरी देवी, रूसुमुनि देवी, मानिका देवी, तालो मांझी, मनाराम मांझी, विनोद प्रजापति, गुली प्रजापति, रामा उरांव, राज कुमार शिबू ठाकुर सहित कई लोग मौजूद थे।

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