कोडरमा: संस्था समर्पण, गर्ल्स नोट्स ब्राइड्स एवं आशा संस्था की ओर समाहरणालय स्थित सीडब्लूसी कार्यालय में विभिन्न हितधारकों के साथ बाल विवाह के खिलाफ जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में अतिथि के रुप में स्थाई लोक अदालत के सदस्य बालेश्वर राम, मनरेगा लोकपाल धरणीधर प्रसाद, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह, बाल कल्याण समिति के सदस्य शैलेश कुमार, अनिल कुमार सिंह, डोली प्रधान, सखी वन स्टॉप सेंटर के नोडल पदाधिकारी अर्चना ज्वाला, अधिवक्ता सुमन जयसवाल, एलपीओ दिनेश पाल, संस्था सचिव इंद्रमणि साहू, सवेरा के सचिव अशोक कुमार उपस्थित थे।
मौके पर मनरेगा लोकपाल धरणीधर प्रसाद ने कहा कि कानून बन जाने मात्र से सामाजिक मुद्दे समाप्त नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी स्टेकहोल्डर्स को अपनी शुद्ध चित मन से अपनी जवाबदेही और जिम्मेदारी सुनिश्चित करना होगा तभी बाल मुद्दे समाप्त होंगे।
वहीं बाल कल्याण समिति के सदस्य शैलेश कुमार ने कहा कि हम सभी को बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध लगातार हथौड़ा चलाते रहना पड़ेगा। किस हथौड़े की मार से यह प्रथा टूटेगी, कोई नहीं जानता। उन्होंने कहा कि बातचीत, विमर्श, चर्चा की यह प्रक्रिया रुकनी नहीं चाहिए, इससे समाज में और हम सभी में चेतना आती है।
अवसर पर अनिल कुमार सिंह ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है। उनकी सुरक्षा हम सबकी जवाबदेही-जिम्मेदारी है।
एलपीओ दिनेश पाल ने सरकारी योजनाओं एवं नीतियों की जानकारी देते हुए कहा कि जेजे एक्ट सभी सामाजिक रिवाजों और कानूनों से ऊपर है। उन्होंने समन्वय और सहयोग लेकर ऐसे बाल मुद्दों पर पहल करने की बात कही।
स्थाई लोक अदालत के सदस्य बालेश्वर राम ने कहा कि जिस सोसाइटी में सबसे ज्यादा बाल विवाह, बाल श्रम और बाल तस्करी जैसे मसले हैं उस समाज की सामाजिक और आर्थिक डायग्नोसिस करने और सही इलाज के लिए जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है।
कार्यशाला को अधिवक्ता सुमन जयसवाल, डोली प्रधान, सवेरा फाउंडेशन के अशोक कुमार, नोडल पदाधिकारी अर्चना ज्वाला, चाइल्ड लाइन के समन्वयक श्रवण कुमार, समर्पण के प्रभाकर कुमार आदि ने भी संबोधित किया। विषय प्रवेश संस्था सचिव इंद्रमणि साहू एवं संचालन शंकरलाल राणा ने किया।
कार्यशाला में मुख्य रूप से दीपक कुमार, नूतन कुमारी, विमला देवी, सुनीता कुमारी, योगेश कुमार, उमेश कुमार, मेरियन सोरेन, मंगल देव रजक सहित कई लोग मौजूद थे।