CFSL kolkata: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब के नए भवन का उद्घाटन विधिवत फीता काटकर किया। अवसर पर उन्होंने उन्होंने कहा कि आज नारकोटिक्स संस्करण 2.0 और विस्फोटक संस्करण 2.0 का भी औपचारिक रूप से शुरूआत की।

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हर नागरिक को शीघ्र और निर्दोष न्याय देने के लिए अत्याधुनिक फोरेंसिक विज्ञान से लैस करके दुनिया की सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली का निर्माण किया जा रहा है। कहा कि कोलकाता में 88 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा समेत पूर्वोत्तर के राज्यों को साक्ष्य आधारित न्याय प्रणाली विकसित करने में सुविधा होगी। 

उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम भारत के लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए कानून हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंग्रेजों द्वारा 160 साल पहले बनाए गए कानूनों को खत्म कर नए भारत के लिए नए कानून बनाए गए हैं।सात साल से अधिक की सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक टीम की जांच अनिवार्य कर दी गई है।

गृह मंत्री ने कहा कि देश भर में 16 राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना को मंजूरी दी गई है। जिसमें 7 स्थापित हो गए हैं। जबकि 1300 करोड़ की लागत से बाकी के 9 विश्वविद्यालयों की स्थापना प्रक्रिया में है। इसके साथ ही 860 करोड़ की लागत से उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल और राजस्थान में सात नए सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की स्थापना भी की जाएगी। 

 

 

 

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