विस्थापितों के लिए की उचित मुआवजे और पुनर्वास की मांग

हजारीबाग: सांसद मनीष जायसवाल ने लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत एनटीपीसी की कोयला खनन परियोजनाओं से प्रभावित विस्थापित परिवारों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर विस्थापितों की समस्याओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए ठोस समाधान की मांग की।

सांसद जायसवाल ने मंत्री खट्टर को हजारीबाग जिले में एनटीपीसी की चार प्रमुख परियोजनाओं यथा पकरी बरवाडीह, केरेडारी, चट्टी-बरियातू और पकरी बरवाडीह नॉर्थ वेस्ट से जुड़े विस्थापितों की गंभीर समस्याओं से विस्तारपूर्वक अवगत कराया।उन्होंने मंत्री से भूमि अधिग्रहण मुआवजे को बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि पहले तय की गई ₹20 लाख प्रति एकड़ की राशि को मार्च 2020 में बढ़ाकर ₹24 लाख किया गया था, लेकिन वर्तमान में बढ़ती महंगाई और बाज़ार मूल्य को देखते हुए इसे बढ़ाकर ₹40 लाख प्रति एकड़ किया जाना चाहिए।

सांसद जायसवाल ने ‘कट-ऑफ डेट’ की समस्या पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि इस प्रावधान के कारण कई पात्र युवा (विशेषकर 18 वर्ष से ऊपर के) मुआवजे और पुनर्वास लाभ से वंचित रह जाते हैं, जबकि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया 20-25 वर्षों तक जारी रहती है। उन्होंने आग्रह किया कि लाभुकों का निर्धारण वास्तविक अधिग्रहण की तिथि के आधार पर किया जाए। पुनर्वास राशि के संबंध में जायसवाल ने बताया कि वर्तमान में 18 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक पात्र सदस्य को 10 लाख रुपये दिए जाते हैं, जिसे बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी मांग की कि भूमि रिकॉर्ड में दर्ज उन विस्थापितों को भी लाभ मिले जो विभिन्न कारणों से पलायन कर चुके हैं।

सांसद मनीष जायसवाल ने विशेष जोर देकर कहा कि विकास परियोजनाओं के नाम पर किसी भी परिवार के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। विस्थापित परिवारों को उनका पूरा हक़ और सम्मान मिले, यही मेरी प्राथमिकता है।

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