कोच्ची: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज कोच्चि में आईएनएस द्रोणाचार्य को प्रेसिडेंट्स कलर (निशान) प्रदान किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि समुद्री ताकत भारत के सामरिक, सैन्य, आर्थिक और वाणिज्यिक हितों के लिए महत्वपूर्ण है। भारत जैसे देश के लिए, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, एक लंबी तटरेखा, द्वीपीय क्षेत्र और पर्याप्त समुद्री आबादी के साथ, एक मजबूत और आधुनिक नौसेना का होना बहुत अधिक महत्व रखता है।
उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षों से युद्ध के लिए तैयार, बहु-आयामी और बहुमुखी भारतीय नौसेना ने न केवल हमारे विरोधियों को डरा दिया है और हमारे समुद्री हितों की रक्षा की है, बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए एक शांतिपूर्ण परिधि का निर्माण भी किया है। राष्ट्र को हमारी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने, हमारे व्यापार मार्गों को सुरक्षित करने और आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करने में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता पर गर्व है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में एक मिशन-तैनात और प्रतिक्रिया-तैयार बल बनने और हमारे समुद्री पड़ोस में किसी भी आकस्मिकता के लिए ‘प्रथम उत्तरदाता’ बनने के लिए महत्वपूर्ण क्षमताओं का विकास किया है। उन्होंने कहा कि देश अपने समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना की ओर देखता है।
वहीं आईएनएस विक्रांत की अपनी यात्रा के बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि स्वदेश निर्मित आधुनिक विमान वाहक आईएनएस विक्रांत आत्मनिर्भर भारत का एक चमकदार उदाहरण है। आज भारत उन गिने-चुने देशों में शामिल है जिनके पास स्वदेशी तकनीक से विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता है। उन्होंने भारतीय नौसेना की पूरी टीम, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और आईएनएस विक्रांत की यात्रा से जुड़े सभी लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत को विशिष्टता और समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा करने के लिए भारतीय नौसेना के बहादुर पुरुषों और महिलाओं पर गर्व है।
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बताते चलें कि प्रेजिडेंट कलर (निशान) देश के सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति की ओर से दिया जानेवाला बड़ा सम्मान है। आज आईएनएस द्रोणाचार्य को देश की असाधारण सेवा के लिए दिया गया है।