पश्चिम बंगाल के अग्रदूतों ने देश के लिए अतुलनीय योगदान दिया: राष्ट्रपति
• सुभाषचंद्र बोस भवन और ठाकुर बाड़ी का भी किया अवलोकन
Khabarcell News
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को पश्चिम बंगाल पहुंची। जहां उनके आगमन पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। ममता बनर्जी ने शॉल और बुके भेंटकर राष्ट्रपति का अभिनंदन किया। इस दौरान राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति सुभाषचंद्र बोस भवन पहुंची। जहां उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर नतमस्तक हुईं । साथ ही उन्होंने भवन का अवलोकन कर नेताजी से जुड़ी चीजों के संबंध में जानकारी ली। इसके उपरांत रविंद्रनाथ टैगोर के पैतृक ठाकुरबाड़ी भी गयीं। वहीं शाम में राष्ट्रपति ने कोलकाता में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित नागरिक स्वागत समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि बंगाल की भूमि में त्याग और शहादत, संस्कृति और शिक्षा जीवन-आदर्श रहे हैं। बंगाल के लोग सुसंस्कृत और प्रगतिशील हैं। बंगाल की भूमि ने एक ओर अमर क्रांतिकारियों को जन्म दिया है तो दूसरी ओर प्रमुख वैज्ञानिकों को। राजनीति से न्याय प्रणाली तक, विज्ञान से दर्शन तक, आध्यात्मिकता से खेल तक, संस्कृति से व्यवसाय तक, पत्रकारिता से साहित्य, सिनेमा, संगीत, नाटक, चित्रकला और अन्य कला रूपों तक, बंगाल के उल्लेखनीय अग्रदूतों ने कई क्षेत्रों में नए तरीके और तरीके खोजे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि सफलता के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचकर भी बंगाल के लोग अपनी मिट्टी से अपना नाता बनाए रखते हैं और भारत माता की महिमा को बढ़ाते रहते हैं। उन्होंने इस विशेषता के लिए बंगाल के लोगों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि बंगाल के लोगों ने हमेशा सामाजिक न्याय, समानता और स्वाभिमान के आदर्शों को प्राथमिकता दी है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि कोलकाता में पूर्व ईस्ट एस्प्लेनेड की एक सड़क का नाम ‘सिदो-कान्हू-दहर’ रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से हमारे स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों और हमारे आदिवासी भाई-बहनों के आत्म-विश्वास और आत्मगौरव को बल मिलता है।