Upsc की परीक्षा में अंतिम रूप से अनुशंसित होने का किया था दावा
नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (Upsc) ने दो उम्मीदवारों द्वारा सिविल सेवा परीक्षा 2022 में अनुशंसित होने के दावे को खारिज कर दिया है। संघ लोक सेवा आयोग की ओर स्पष्टीकरण जारी करते हुए उम्मीदवारों द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेजों को फर्जी बताया गया है।
जानकारी के अनुसार संघ लोक आयोग के स्पष्टीकरण में बताया गया है कि आयशा मकरानी पुत्री सलीमुद्दीन मकरानी संघ लोक सेवा आयोग द्वारा अपनी अंतिम सिफारिश का दावा कर रही हैं। उसे अपने पक्ष में दस्तावेजों में हेराफेरी करते हुए पाया गया है। उसका असली रोल नंबर 7805064 है। वह 5 जून, 2022 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में उपस्थित हुई और सामान्य अध्ययन पेपर-1 में केवल 22.22 अंक और सामान्य अध्ययन पेपर-2 में 21.09 अंक प्राप्त किए। परीक्षा नियमों के अनुरूप उसे पेपर-2 में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने की आवश्यकता थी। वह न केवल पेपर-2 में अर्हता प्राप्त करने में विफल रही है, बल्कि पेपर-1 के कट-ऑफ अंकों की तुलना में बहुत कम अंक प्राप्त किए हैं, जो वर्ष 2022 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अनारक्षित श्रेणी के लिए 88.22 थे। इसलिए, आयशा मकरानी प्रारंभिक परीक्षा के चरण में ही असफल रही हैं।
वहीं हरियाणा रेवाड़ी के तुषार पुत्र बृजमोहन ने सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2022 के लिए आवेदन किया था। उन्हें इस परीक्षा के लिए रोल नंबर 2208860 आवंटित किया गया था। उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा में भाग लिया और सामान्य अध्ययन पेपर-1 में माइनस 22.89 अंक और सामान्य अध्ययन पेपर-2 में 44.73 अंक प्राप्त किए। परीक्षा नियमों की आवश्यकता के अनुसार, उसे पेपर-2 में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने की आवश्यकता थी। तुषार भी प्रारंभिक परीक्षा में ही असफल रहे हैं ।