Farmer Rajendra is doing better farming with technical trainingFarmer Rajendra is doing better farming with technical training

प्रगतिशील किसान के सफलता की कहानी

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले के बोड़ाम प्रखंड अंतर्गत बड़ा सुसनी निवासी किसान राजेन्द्रनाथ महतो 35 वर्ष के एक युवा किसान हैं । मध्यम वर्ग के परिवार से आने वाले राजेन्द्रनाथ ने इंटर तक पढ़ाई करने के बाद खेती कार्य से जुड़कर स्वावलंबन की राह अपनाया। इनके पास कुल 9 एकड़ पुश्तैनी जमीन है। पिता छुटूलाल महतो पम्परागत खेती करते थे जिससे होने वाली कम आमदनी को देखते हुए राजेन्द्रनाथ महतो ने नई कृषि तकनीक का सहारा लेते हुए कृषि कार्य करना शुरू किया जिससे उन्हें काफी लाभ मिला है ।

श्रीविधि से बढ़ाया धान का पैदावार

कृषि विभाग अंतर्गत आत्मा में कार्यरत किसान मित्र के सहयोग तथा तकनीकी मागदर्शन से परम्परागत विधि को छोड़ श्रीविधि से धान की खेती की शुरूआत राजेन्द्रनाथ महतो ने 2013 में 1.00 एकड़ में किया, जिससे अच्छी पैदावार प्राप्त कर अब 3 एकड़ जमीन में धान की खेती अब श्रीविधि से करते है जिससे उत्पादन अच्छा प्राप्त हो रहा है ।

राजेन्द्रनाथ महतो विगत 06 वर्षों से आत्मा से जुड़े हुए है। आत्मा से जुड़ने के कारण विभिन्न सरकारी विभागों के योजनाओं के बारे में इन्हें आसानी से जानकारी प्राप्त हो जाती है। आत्मा कर्मी ने राजेन्द्रनाथ महतो को धान के अलावा रबी एवं गरमा में साग-सब्जी का खेती करने को प्रोत्साहित किया। पहले छोटे स्तर पर साग-सब्जी की खेती कर अपना गुजर-बसर करते थे। 2 एकड जमीन में राजेन्द्रनाथ महतो आलु, टमाटर, गोभी, नेनुआ, लौकी, मटर आदि का खेती कर रहे हैं ।

समेकित कृषि प्रणाली ने दिखाया समृद्धि की राह

भूमि संरक्षण विभाग से तालाब का योजना स्वीकृत होने के कारण अब राजेन्द्रनाथ महतो को कृषि कार्य में सिंचाई सुविधा सुलभ हो गया है। निजी तालाब होने से मछली पालन का कार्य भी इसने शुरू किया। शुरूआत में अपने पुँजी लगाकर मछली जीरा क्रय कर बंगाल से लेकर आते थे । अभी मत्स्य विभाग से उनको सहयोग मिल रहा है जिससे व्यवसायिक स्तर पर मछली पालन कर रहें है। आत्मा संस्थान के सहयोग से मछली पालन पर प्रशिक्षण प्राप्त कर काफी लाभ कमा रहें हैं । धान की खेती के साथ-साथ साग-सब्जी की खेती, मछली पालन फिर बॉयलर मुर्गी का करोबार भी शुरू किये हैं। 3000 मुर्गियाँ इनके पॉल्ट्री फार्म में है, अनुकुल मौसम में 10 से 15 हजार रूपये सिर्फ मुर्गी पालन से इन्हें लाभ हो रहा है ।

इस तरह से देखा जाए तो युवा किसान होने के नाते राजेन्द्रनाथ महतो तकनीक को बहुत जल्द समझ पाये एवं धान की परम्परागत खेती के अलावे समेकित कृषि प्रणाली को अपना कर स्वालंबन की ओर बढ़े जिससे उनका कृषि कार्य से आय लागत की तुलना में दोगुना हुआ । सालाना लगभग दो से ढ़ाई लाख रूपये कमाकर कर राजेन्द्रनाथ महतो अपने क्षेत्र में एक रोल मॉडल के रूप में उभर का सामने आए जिससे प्रेरित होकर कई अन्य किसान भी खेती-किसानी के तकनीकी प्रशिक्षण के लिए कृषि विभाग से जुड़ रहे हैं ।

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