For the first time in Jharkhand, mock drill was done to deal with flood disaster.

रांची:  झारखंड में बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए गुरुवार को धुर्वा डैम में मॉक ड्रिल किया। जिसमे बाढ़ में फ़से लोगों को रेस्क्यू करने, उन तक रिलीफ पहुंचाने, चिकित्सीय सुविधा पहुंचाने, सभी विभाग के आपसी समन्वय बना कर राहत एवं बचाव कार्य करने का पूर्वाभ्यास किया गया।मॉक ड्रिल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार के ब्रिगेडियर बीरेन्द्र ठाकर के मार्गदर्शन में किया गया। 

इस अवसर पर  ब्रिगेडियर बीरेन्द्र ठाकर ने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य सभी विभाग आपदा के पूर्व एवं आपदा के समय अपनी तैयारी को पुख़्ता करना है, ताकि जान माल को कम से कम नुकसान हो और किसी भी आपदा से निबटने के लिए हमारी तैयारी पूरी ह

मॉक ड्रिल के दौरान एनडीआरएफ़ की टीम द्वारा बाढ़ के सिचुएशन को दर्शाया गया और उसमें फँसे लोगों को विभिन्न तरीक़ों द्वारा बचाव को लेकर डेमो दिखाया गया।  इस दौरान रेस्क्यू के दो तरीक़ों ड्राई रेस्क्यू और वेट रेस्क्यू की जानकारी दी गई कि कैसे इन दोनों रेस्क्यू के माध्यम से बाढ़ में फँसे लोगों को बचाया जा सकेगा साथ ही चिकित्सा दल द्वारा एक डेमो बताया गया कि रेस्क्यू किए गए लोगों तक किस प्रकार त्वरित चिकित्सा सुविधा पहुंचायी जाए।

मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ की पांच टीम, एसडीआरएफ की एक टीम, बिजली विभाग, बीएसएनएल, मेडिकल टीम, नगर निगम, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, पेयजल विभाग, ज़िला प्रशासन के पदाधिकारी और अग्निशामक दल ने भाग लिया। अवसर पर संबंधित विभागों के पदाधिकारी सहित स्थानीय के लोग उपस्थित थे। बताते चलें कि बाढ़ की आपदा से बचाव को लेकर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के द्वारा झारखंड में पहली बार मॉक ड्रिल किया गया है।

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