आक्रोशित लोगों ने फैक्ट्री का संचालन कराया ठप,  किया प्रदर्शन

• 11 लाख रुपये मुआवजा और एक आश्रित को नौकरी पर बनी सहमति

रामगढ़: भदानीनगर ओपी क्षेत्र अंतर्गत महुआटोला स्थित श्री वैंकटेश आयरन एंड एलॉय फैक्ट्री में रविवार की शाम काम के दौरान उंचाई से गिरकर एक स्थानीय मजदूर की मौत हो गई। घटना से आक्रोशित लोगों ने सोमवार की सुबह फैक्ट्री का संचालन ठप करा दिया और फैक्ट्री परिसर में शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया गया। घंटों चली गहमागहमी के बाद वार्ता हुई। मुआवजे पर सहमति बनने के बाद शव का उठाव हो सका।

मिली जानकारी के अनुसार गुप्ता लेन, महुआटोला निवासी विजय बेदिया (लगभग 45 वर्ष) पिता स्व. महादेव बेदिया रविवार की शाम गैलन के निकट काम के दौरान उंचाई से गिर गये। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने मौत की पुष्टि कर दी। बताया जाता है कि मृतक प्रोसेसिंग यूनिट में काम करते थे। अपनी शिफ्ट पूरी करने के बाद, पुनः किसी अन्य के स्थान पर काम करने आए थे। इधर, सोमवार की सुबह मृतक के परिजन और बड़ी संख्या में स्थानीय महिला-पुरूष फैक्ट्री परिसर में शव रखकर मुआवजे और नौकरी की मांग पर अड़ गए।

घटना की जानकारी पर क्षेत्र के कई प्रबुद्ध और विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लोग भी फैक्ट्री परिसर पहुंचे और प्रबंधन से 20 लाख रुपए मुआवजा और आश्रित को नौकरी देने की मांग करने लगे। वहीं मामले की सूचना पर भदानीनगर ओपी प्रभारी ब्रह्मव्रत कुमार सदलबल फैक्ट्री पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया।

इस क्रम में ओपी प्रभारी की मौजूदगी में फैक्ट्री के जीएम से मृतक मजदूर के कार्य, वेतन, इंश्योरेन्स और पीएफ के संबंध में पूछा गया। जिसपर अधिकारी चुप्पी साधे हुए बगलें झांकते रहे। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए। फैक्ट्री में सुरक्षा नियमों की घोर अनदेखी की बात कही गई। इसके अलावा प्रदूषण मानकों का पालन नहीं करने, मजदूरों को निर्धारित न्यूनतम मजदूरी नहीं देने, आठ घंटे से अधिक काम लेने और मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने की बातें भी कही गई। 

11 लाख रुपए मुआवजा और आश्रित को नौकरी पर बनी सहमति 

घंटों चली गहमागहमी के बाद मुआवजे को लेकर वार्ता हुई। मृतक की पत्नी को 11 लाख रुपए बतौर मुआवजा और एक आश्रित को नौकरी देने पर सहमति बनी। बताया जाता है कि प्रबंधन की ओर से तत्काल एक लाख नकद और पांच लाख का चेक दिया गया। जबकि पांच लाख का भुगतान चेक के माध्यम से अगले माह किया जाएगा। सहमति के बाद शव का उठाव कर लिया गया। 

 

हंगामे की बीच फैक्ट्री परिसर में ये रहे मौजूद 

प्रदर्शन के दौरान संजीव बेदिया, मनोज राम, दिलीप दांगी, रामफल बेदिया, झरी मुंडा, विजय साहू, गोविंद बेदिया, विश्वरंजन सिन्हा, राजेंद्र बेदिया, रामशरण गिरी, हरिलाल बेदिया, राजेश महतो, राकेश सिन्हा, सागर कुमार दांगी, आनंद दूबे, कुश श्रीवास्तव, सोनू कुशवाहा, सरयु मुंडा, राजू कुमार, आजाद अंसारी सहित कई लोग मौजूद रहे।

फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है, सेफ्टी सुपरवाइजर तक नियुक्त नहीं किया है। फैक्ट्री एक्ट के तहत आठ घंटे ड्यूटी कराना है, जबकि यहां मजदूरों को 12 घंटा जानवरों की तरह खटाया जा रहा है। मजदूरों के साथ गाली-गलौच और दुर्व्यवहार भी किया जाता है। कंपनी समय रहते चेत जाए, अन्यथा हमलोग हिसाब करने के लिए तैयार है। 

– दिलीप दांगी, जिलाध्यक्ष (आजसू)

 

यहां पहले भी घटनाएं हुई हैं। फैक्ट्री प्रबंधन ने घटनाओं को कभी भी संजीदगी से नहीं लिया। मजदूरों के सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जाती है। 12-16 घंटा काम लिया जाता है। इसके खिलाफ अब आंदोलन होगा, दिल्ली तक लिखा जाएगा। आनेवाले दिनों में यहां से ऐसी कंपनियों का हुक्का-पानी बंद किया जाएगा।

– विजय साहू, नेता (जेएलकेएम)

 

 

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