दलित एवं आदिवासी विमर्श-दस्तावेज़” का दूसरा दिन 

रांची विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ मास कम्युनिकेशन के तीन दिवसीय सम्मेलन “दलित एवं आदिवासी विमर्श- दस्तावेज़ “के दूसरे दिन सुलभ इंटरनेशनल के डाक्यूमेंट्री BBC Horizons एवं अन्य डाक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया।

अवसर पर सुलभ इंटरनेशनल की ओर से पद्मश्री उषा चौमार,  पूजा चांगड़ा, डॉ. बीएन झा, प्रोफेसर नील रतन, पीसी गुप्ता ने दलित विमर्श पर अपने विचार प्रस्तुत किए। दूसरे दिन के प्रथम सत्र का संचालन सुलभ इंटरनेशनल के डॉ. एके शर्मा ने किया।

वहीं दिन के दूसरे सत्र में स्कूल ऑफ़ मास कम्युनिकेशन के निदेशक डॉ. बीपी सिन्हा द्वारा पद्म भूषण बिन्देश्वर पाठक का रेडियो खांची में साक्षात्कार किया गया।

दूसरे सत्र में दलित विमर्श विषय पर रांची विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर डॉ. मोहित लाल  ने लोहिया एवं दलित विमर्श पर, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप तेतरव ने प्रेमचंद एवं दलित साहित्य पर, राँची विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के मो. रिज़वान अली ने मूलनिवासी मुस्लिम एवं दलित विमर्श पर , राँची विश्वविद्यालय के भूतपूर्व डीन डॉ. जीएस झा ने दलित साहित्य पर एवं स्वतंत्र ग्रामीण विकास सलाहकार अविनाश कुमार ने मुसहर: उपेक्षा से सशक्तिकरण की ओर, मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से एक विश्लेषण पर अपना पेपर प्रस्तुत किया।

इसके बाद स्कूल ऑफ़ मास कम्युनिकेशन के विद्यार्थी सुहाना और श्रुति द्वारा “बुद्धम शरणम गच्छामी” पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अंत में पारंपरिक नटुआ नृत्य सूचांत महतो द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. स्टेफ़ी मूर्मू एवं कुमार संभव ने किया।

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