| प्रकृति से जुड़ी आदिवासियों की जीवनशैली है प्रेरणादायक: अजय सिंह |
बड़कागांव: विस्थापित संघर्ष मोर्चा के द्वारा उरीमारी हेसाबेड़ा खेल मैदान में विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सीसीएल बरका सयाल महाप्रबंधक अजय सिंह, विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक निर्मला देवी, उरीमारी ओपी प्रभारी बीरबल करमाली, उरीमारी परियोजना पदाधिकारी दिलीप कुमार, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के प्रोफेसर खेमलाल महतो, रामसेवक महतो, उरीमारी पंचायत की मुखिया कमला यादव, पंचायत समिति सदस्य गीता देवी, विंध्याचल बेदिया, कौलेश्वर गंझू, कौलेश्वर मांझी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, सिद्धो-कान्हू, चांद भैरव, फुलो झानो के तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। तत्पश्चात आयोजन समिति द्वारा अतिथियों को अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। खबर सेल।
मौके पर मुख्य अतिथि सीसीएल बरका सयाल महाप्रबंधक अजय सिंह ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त के दिन विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है और यह दिन आदिवासियों के लिए हर्षोल्लास का दिन होता है। संसार में कुछ चीजें अनोखी है और अनमोल है। उन्हीं में से एक है आदिवासियों की संस्कृति, उनका खान-पान, उनका प्रकृति प्रेम और उनकी अनोखी जीवनशैली, सभी कुछ अनमोल है।आदिवासी आज भी प्रकृति को जीवनशैली बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी अधिकारों को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक अंतरराष्ट्रीय कार्य दल का गठन किया था। जिसकी प्रथम बैठक 9 अगस्त 1982 को जिनेवा में हुई थी। तभी से 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा 1994 में की गई। संरक्षक राजू यादव ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस आदिवासियों के मूलभूत अधिकारों की सामाजिक, आर्थिक और न्यायिक सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है।

अवसर पर शांति निकेतन विद्यालय बगरैया और हेसाबेड़ा की बच्चियों द्वारा एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुति कर उपस्थित लोगों के बीच समां बांध दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मांझी हड़ाम सह विसंमो के वरीय उपाध्यक्ष सीताराम किस्कू एवं संचालन अमन हेम्ब्रोम ने किया। मौके पर मुख्य रूप से संरक्षक राजू यादव, अध्यक्ष चरका करमाली, सचिव महादेव बेसरा, कोषाध्यक्ष दशाराम हेंब्रम, वरीय उपाध्यक्ष सीताराम किस्कू, उपाध्यक्ष कानू मरांडी, संरक्षक धर्मदेव करमाली, विश्वनाथ मांझी, सह सचिव महेश गंझू, उपाध्यक्ष कजरू उरांव, जतरू बेसरा, सुखदेव सोरेन, संगठन मंत्री सिगू मांझी, तालो बेसरा, गणेश राम, रवि पवारिया, राजेंद्र किस्कू, मनाराम हंसदा, वासदेव सोरेन, कतिलाल हेंब्रम, कंचन मांझी, महेश करमाली, सरोज मांझी, बिरजू मांझी, राकेश बेसरा, रामवृक्ष सोरेन, मनु टुडू, रतन पवारिया, सीतामुनी देवी, पंचायत समिति सदस्य गीता देवी, वार्ड सदस्य फूलमति देवी, शांति देवी, फुलमूनी देवी, तेतरी देवी, सूर्यमुनी देवी सहित कई लोग मौजूद थे।


