बड़कागांव: संथाल समाज दिशोम मांझी कर्णपुरा परगना की बैठक जुबला सरना स्थल के पास शुक्रवार को हुई। जिसकी अध्यक्षता प्रखण्ड मांझी हड़ाम सूरज बेसरा एवं संचालन पंचायत परगना बिरसा हेम्ब्रोम ने किया। बैठक में संथाल समाज दिशोम मांझी परगना कर्णपुरा परगना प्रक्षेत्र के 42 मांझी हड़ाम को विमोचित किताब दिया गया।
मौके पर प्रखण्ड मांझी हड़ाम सूरज बेसरा ने कहा कि बोकारो जिले के ललपनिया में लुगू बुरू घांटाबाड़ी झारखंड में अवस्थित संंथाल जनजातियों का धार्मिक आस्था का केंद्र जिसमें कार्तिक पूर्णिमा में पूरे भारत ही नहीं बल्कि विश्व के तमाम संंथाल जनजाति का महासंगम होता है। डीवीसी जो भारत सरकार का एक उपक्रम है प्रस्तावित 1500 मेगावाट हाईडल पावर प्रोजेक्ट से संंथाल जनजातियों के धार्मिक स्थल लुगु बुरू घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ प्रभावित कर समाप्त किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मरांग बुरू पारसनाथ, पहाड़ में जैन समाज ने सन् 1700 ई. में तीन डिसमिल जमीन जबरन लिखवाया गया था, परन्तु वर्तमान स्थिति में पूरे मरांग बुरू पारसनाथ पहाड़ को जैन समाज के लोगों द्वारा अतिक्रमण करने में तुला हुआ है। जो संथाल आदिवासियों का धरोहर है, पूर्वजों द्वारा वर्षों से पूजा-पाठ सदियों से चलते आ रहा जो संंथाल आदिवासियों का धार्मिक स्थल सर्वोपरि है।
कहा कि आज हमारा दोनों धार्मिक स्थल संकट में है, जो संंथाल समाज दिशोम मांझी कर्णपुरा परगना बर्दाश्त नहीं करेगा। आगामी 05 नवम्बर 2023 को एफ टाइप फुटबॉल मैदान लुगु बुरू घांटा बाड़ी लालपनिया बोकारो व 12 नवम्बर 2023 को मरांग बुरू पारसनाथ पहाड़ मधुबन फुटबॉल मैदान विशाल महासभा पीरटांड़ गिरिडीह का तैयारी पूरी कर ली गई है।
मौके पर मुख्य रूप से संंथाल समाज दिशोम मांझी परगना केन्द्रीय सचिव मोहन, सूरज बेसरा, सन्नी सोरेन, बिनोद हेम्ब्रोम, अजय बेसरा, सीताराम किस्कू, विश्राम सोरेन, किशोर हंसदा, सुकर मांझी, बिरसा हेम्ब्रोम, विमल टुडू, तालो किस्कू, जगदीश मांझी, बिनोद बेसरा, लुसा मांझी, दशैय मांझी, गोविन्द सोरेन, उदन सोरेन, अजय बेसरा, बिनोद बेसरा, अकला हंसदा, भुनेश्वर मांझी, छोटेलाल मांझी, गंगाराम मांझी, संजुल मांझी, सुलेन्द्र मरांडी, पप्पुलाल मांझी, प्रेम सोरेन, दासो मांझी, शिवराम टुडू, संजय मांझी, छोटेलाल मरांडी, जगदीश मांझी, बंशीलाल मुर्मू, संजुल सोरेन, दिनेश टुडू, प्रेमलाल हेम्ब्रोम, मुन्शी मुर्मू, नरेश मांझी, सुरेश मरांडी, बाबुराम मांझी, रमेश मुर्मू, पप्पू मांझी, संजीव सोरेन, पुरण मांझी, जतरू बेसरा, राजेन्द्र सोरेन, चरकु मांझी, राजेश टुडू, लाल बहादुर मांझी, राजेन्द्र मांझी, खगेश्वर मांझी, महादेव हंसदा सहित कई लोग मौजूद थे।