उरीमारी (हजारीबाग): विस्थापित समिति न्यू बिरसा पोटंगा और झारखंड मुक्ति मोर्चा पोटंगा पंचायत कमेटी ने संयुक्त रूप से शनिवार को न्यू बिरसा परियोजना पोटंगा का काम अनिश्चितकालीन रूप से ठप करा दिया। इस दौरान लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
बताया जाता कि बीते 18 अप्रैल को न्यू बिरसा परियोजना पदाधिकारी को तीन सूत्री मांग को लेकर आवेदन दिया गया था। जिसपर 15 दिन बीतने के बाद भी कोई साकारात्मक पहल नहीं हुआ। जिसके कारण 16वें दिन में पूरी तरह से चक्का जाम कर दिया गया। तीन सूत्री मांगों में कार्तिक माइनिंग आउटसोर्सिंग कंपनी में पोटंगा के विस्थापितों को झारखंड सरकार के गाइडलाइन अनुसार 75% रोजगार देने। इलाके के रस्काटोला, भुरकुंडवा, गेराटोला और डेरकाटोला को प्लॉट आवंटन कर पुनर्वास कराने और सीएचपी साइलो से उत्पन प्रदूषण को नियंत्रित करने की मांग शामिल है।
अनिश्चितकालीन बंद करनेवालों में विस्थापित समिति न्यू बिरसा पोटंगा के अध्यक्ष सूरज बेसरा, समिति सचिव जीतन मुंडा, झारखंड मुक्ति मोर्चा पोटंगा पंचायत कमेटी अध्यक्ष रविंद्र सोरेन, सचिव विनोद हेंब्रोम, जिला उपाध्यक्ष झामुमो हजारीबाग मोहन सोरेन, अकल मुंडा, जूरा सोरेन, रेना मांझी, मनुलाल सोरेन, त्रिलोक सोरेन, गिरधारी प्रजापति, पंकज हेंब्रम, सुखराम बेसरा, बंशीलाल मुर्मू, अजय बेसरा, विजय सोरेन, अजय करमाली, अजय मरांडी, आनंद बेसरा, अनीता देवी, फुलमनी देवी, रविंद्र बैठा सहित सैकड़ों विस्थापित शामिल थे।