रांची: डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय राॅंची के जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में स्वतंत्रता सेनानी वीर बुधु भगत जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में खोरठा विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार और कुड़मालि भाषा विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. पी.पी. महतो के द्वारा वीर बुधु भगत के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया। साथ ही संथाली विभाग के छात्रों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।

मुख्य अतिथि के रुप में कार्यक्रम में उपस्थित विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण संकाय अध्यक्ष डीएसडब्ल्यू डॉ. एस. एम. अब्बास ने वीर बुधु भगत के बलिदान पर चर्चा की। कहा कि झारखंड के वीर शहीद हमारे आज के रॉल मॉडल हैं। इनके बताये मार्ग पर हमें चलना चाहिए क्योंकि ये जल, जंगल, जमीन के लिए अंग्रेंजो, साहूकारों एवं महाजनों से लड़ाई लड़ी और अपनी सभ्यता संस्कृति की की रक्षा हेतु अपना बलिदान दिया। 

वहीं डॉ विनोद कुमाऋ ने झारखण्ड के महापुरुष बुधु भगत के बारे विस्तृत जानकारी छात्रों को दिए। उन्होंने कहा कि हमारे वीर महापुरुष बल से ज्यादा बुद्धि का प्रयोग किया और अपने अधिकार को बरक़रार रखा इन वीर पुरुषों की सही मायने में शोध कार्य करने की बात कही।

अवसर पर डॉ. पी.पी. महतो ने कहा कि आज हम स्वतंत्र हैं तो इसका सारा श्रेय वीर महापुरुषों को जाता है, जिन्होंने स्वतन्त्रता हेतु अपना बलिदान दिया।

कार्यक्रम का मंच संचालक नागपुरी के सहायक प्राध्यापक डॉ. युगेश कुमार महतो ने वीर बुधु भगत के जीवन इतिहास पर प्रकाश डाला। जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के छात्रों द्वारा शहीदों से संबंधित गीत प्रस्तुत किया।

 कार्यक्रम में संथाली विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. डुमिनी माई मुर्मू, डॉ. सीता उरांव, डॉ. दशमी ओरेया, डॉ. मालती वागीसा, लक्ष्मीकांत प्रमाणिक, सुनीता, शांति, सुशीला, संतोष कुमार मुर्मू, रिसर्च स्कोलर अशोक, रूपेश, राजेश, प्रवीण, धनेश्वर सहित अन्य उपस्थित थे।धन्यवाद ज्ञापन कुड़ूख़ विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ सीता कुमारी उरांव द्वारा किया गया ।

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