सही दृष्टिकोण के साथ चुनें जीवन की सही राह : राज्यपाल
• महामहिम राज्यपाल रमेश बैस, विधानसभा अध्यक्ष रबिन्द्रनाथ महतो और मंत्री बन्ना गुप्ता ने की शिरकत
रांंची: साईं नाथ विश्वविद्यालय में मंगलवार को आठवें दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन किया गया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सूबे के महामहिम राज्यपाल रमेश बैस, सम्मानित विशिष्ठ अतिथि विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बन्ना गुप्ता और साईं नाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर डॉ. सी.पी. अग्रवाल उपस्थित रहे।
अतिथियों के आगमन पर छात्र-छात्राओं द्वारा झारखंड की वेशभूषा में पारंपारिक तरीके से ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य कर अतिथि का स्वागत किया गया। वहीं एनसीसी कैडेट्स ने मुख्य अतिथि सहित सम्मानित अतिथियों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।समारोह की शुरूआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
कार्यक्रम में आगे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. एसपी अग्रवाल द्वारा राज्यपाल सहित सम्मानित अतिथियों को बुके, शाॅल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया। वहीं साईं नाथ विश्वविद्यालय कुलाधिपति एवं कुलपति महोदय ने मुख्य अतिथि एवं सम्मानीय अतिथि को साईं नाथ विश्वविद्यालय की स्मारिका भेंट की।
समारोह में छात्र-छात्राओं के द्वारा विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति दी गई। वीडियो के माध्यम से शैक्षणिक गतिविधियों की झलक प्रस्तुत की गई। कुलपति प्रो. डॉ एसपी अग्रवाल ने स्वागत संबोधन में डिप्लोमा, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी उपाधि धारकों को बधाई दी और कहा कि विश्वविद्यालय का विजन और मिशन समाज के सभी वर्ग के युवाओं को किफायती और गुणवतापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करना है। कहा कि यहां महिला छात्रावास में विभिन्न राज्यों की छात्राओं के साथ-साथ झारखंड राज्य की आदिवासी एवं जनजातीय समुदाय की 350 छात्राएं भयमुक्त वातावरण में रहती हैं। विद्यार्थियों के पठन-पाठन से लेकर रोजगार तक के अवसर विश्वविद्यालय परिसर में ही उपलब्ध कराए गए हैं। प्रधानमंत्री के बेटी-बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना को गति देने का प्रयास किया जा रहा है।
वहीं दिक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि दीक्षांत समारोह एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक पड़ाव होता है। उपाधि केवल पड़ाव है,आपकी मंजिल नहीं। अपने जीवन में सही दृष्टिकोण के साथ-साथ सही राह का चयन करें। जीवन को सफल और सार्थक बनाने का निरंतर प्रयास करते रहें।
वहीं राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों को एडवांस ऐकडेमिक करिकुलम, प्रैक्टिकल एप्रोच एवं आधुनिक रिसर्च, बेस्ड टीचिंक लर्निंग पद्धति द्वारा शिक्षण प्रशिक्षण दे रही है। यहां के छात्र-छात्राओं को सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कार्य करने का अवसर मिल रहा है। हर क्षेत्र में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं अपनी पहचान बना रहे हैं। समारोह में महामहिम राज्यपाल ने गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों को पदक देकर सम्मानित किया गया।
आठवें दीक्षांत समारोह के दौरान शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, कृषि विज्ञान, औषधि विज्ञान, व्यापार प्रबंधन, कम्प्युटर साइंस, विधि, पैरा मेडिकल, नर्सिंग और खेल जैसे विभिन्न विषयों के 60 छात्रों को स्वर्ण पदक, 60 को रजत पदक और 60 को कांस्य पदक देकर सम्मानित किया गया। वहीं विशिष्ठ क्षेत्र मेन उल्लेखनीय योगदान देने वाले 25 छात्रों को भी स्वर्ण पदक से नवाजा गया। समारोह में कुल 1200 विद्यार्थियों को डिग्रियाँ दी गई।
हमेशा सीखने की लालसा जीवंत रखें: रबिन्द्र नाथ महतो
समारोह में विशिष्ट अतिथि विधानसभा अध्यक्ष रबिन्द्र नाथ महतो ने कहासाईं नाथ विश्वविद्यालय की उपलब्धियां, कुशल नेतृत्व और शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मियों के अथक परिश्रम का प्रतिफल है। वहीं छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आपके अंदर हमेशा सीखने की इच्छा एवं लालसा होनी चाहिए। अपने ज्ञान का उपयोग करते हुए अपने कर्मां से स्वयं के साथ-साथ समाज का भी नाम रौशन करें।
युवा शक्ति से विकसित भारत की परिकल्पना होगी साकार: बन्ना गुप्ता
विशिष्ट अतिथि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बन्ना गुप्त ने कहा कि उच्च शिक्षा के माध्यम से उच्च कोटि का व्यक्तित्व निर्माण करने में साईं नाथ विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। युवा शक्ति के बल पर हम विकसित भारत एवं विश्व गुरू भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं।
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए हैं तत्पर: कुलाधिपति
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर डॉ. सी. पी. अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थियों के सम्पूर्ण विकास के लिए सदैव तत्पर है। हमारा प्रयास है कि हमारे विद्यार्थी समाज की समृद्धि और देष के विकास में योगदान कर सकें। विश्वविद्यालय का उद्देश्य ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण करना है जो समग्र व्यक्तित्व विकास के साथ रोजगार कौशल और चारित्रिक दृष्टि से विश्व स्तरीय हो।