रामगढ़: सीसीएल बरकासयाल प्रक्षेत्र की भुरकुंडा कोलियरी का थाना मैदान आज अपना अस्तित्व खो रहा है। कभी बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट, रावण दहन कार्यक्रम, श्रावणी मेला से लेकर चुनावी सभाओं के लिए गुलजार रहनेवाला थाना मैदान अब बदहाल होकर एक बड़े कूड़ेदान सरीखा प्रतीत हो रहा है।
इन दिनो मैदान के एक छोर पर जहां कूड़ा-कचरे के टीले बड़ा आकार ले रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पूरे मैदान में गंदगी पसरी हुई दिख रही है। यहां बने जलमिनार के ठीक बगल कचरे का अंबार लगाया जा रहा है। जो समय बीतने के साथ बढ़ता जा रहा है। आसपास के लोग यहां कूूूड़ा-कचरा फेंक रहे हैं। वहीं गंदगी और दुर्गंध के बीच मैदान में आसपास के बच्चे खेलते दिखते हैं। इससे उनके स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव पड़ेगा, यह समझा जा सकता है।
थाना मैदान में एक ओर भव्य काली मंदिर, दुर्गा मंडप और सरकारी विद्यालय भी है। बावजूद इसके मैदान की सफाई और संरक्षण की कोई सुगबुगाहट होती नहीं दिख रही है। भुरकुंडा में स्वच्छ भारत अभियान की परिकल्पना न सिर्फ दम तोड़ रही है, बल्कि खेल-कूद और अन्य आयोजनों के लिए जरूरी मैदान भी उदासीनता की भेंट चढ़ता दिख रहा है।
बताया जाता है कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने शुरुआती दिनों इस मैदान में प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं। वहीं भुरकुंडा थाना मैदान कई दिग्गज नेताओं की चुनावी सभा और सांस्कृतिक आयोजनों का भी साक्षी रहा है।भुरकुंडा मेन रोड के ठीक बगल में अवस्थित होने से यहां आवागमन भी सुविधाजनक है।
कूड़ा-कचरे की आड़ में अतिक्रमण की संभावनाएं
स्थानीय लोग बताते हैं कि कूड़ा-कचरे से मैदान का स्वरूप सिकुड़ता और बिगड़ता जा रहा है। जिसपर न तो जनप्रतिनिधियों का ध्यान है और न ही सीसीएल प्रबंधन का। जिस प्रकार से भुरकुंडा में मिलीभगत से अतिक्रमण बढ़ रहा है, कचरे की आड़ में मैदान भी धीरे-धीरे अतिक्रमण की बली चढ़ जाए तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी।
क्या कहते हैं मुखिया
मैदान में बढ़ती गंदगी के संबंध में भुरकुंडा पंचायत के मुखिया अजय पासवान से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मैदान में जवाहरनगर पंचायत के पगला आश्रम के आसपास लोग कचरा फेंक रहे है। मैदान का संरक्षण और स्वच्छता के लिए चहारदीवारी जरूरी है। चहारदीवारी के लिए सांसद, विधायक, सीसीएल प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारियों से काफी समय से आग्रह किया जा रहा है, लेकिन अबतक कहीं से पहल नहीं हो सकी है। बताया कि सावन माह के बाद से सफाई नहीं हुई है।