Gram Sabha held to transfer Gair Majrua common landGram Sabha held to transfer Gair Majrua common land

बड़कागांव: अंचल कार्यालय बड़कागांव के द्वारा आम गैर मजरूआ जमीन का एनटीपीसी बादम कोल ब्लॉक को हस्तांतरित करने को लेकर गोंदलपुरा पंचायत भवन में ग्राम सभा का आयोजन शनिवार को किया गया था। जिसका ग्रामीणों ने पुरजोर विरोध करते हुए ग्राम सभा स्थल से करीब 300 मीटर पहले ही रास्ते पर बैठकर मौन धारण कर लिया। यह ग्राम सभा गोंदलपुरा पंचायत के गोंदलपुरा और रूदी गांव के रखा गया था। जिसमें गोंदलपुरा गांव के खाता नंबर 82 जिसमें आम रास्ता एवं देवस्थल आता है। उसे एनटीपीसी बादम कॉल ब्लॉक को हस्तांतरित करना था। ग्रामीणों द्वारा विरोध जताते हुए ग्राम सभा को रद्द करने की मांग की गई। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि आम गैर मजरूआ एवं रास्ता, देवस्थल जो आम ग्रामीणों का है उसे अधिकारी को सार्वजनिक भूमि का हस्तांतरण नहीं करने का अधिकार बनता है। ग्रामीणों का यह निर्णय है कि किसी भी प्रकार के जमीन किसी भी कंपनी को नहीं देंगे। जल, जंगल, जमीन पर ग्रामसभा का पूर्ण अधिकार है। जिसे सरकार द्वारा बिना ग्राम सभा किये हस्तांतरण नहीं किया जा सकता है। 80 प्रतिशत खतियानी रैयत के बिना सहमति के कोई कंपनी को सरकार द्वारा जमीन हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है। यह क्षेत्र बहु फसली सालों भर हरा भरा रहता है। यहां के मुख्य फसल धान, गेहूं, चना, उरद, ईख, मसूर, अरहर सहित सालों भर हरी सब्जियां उपजा कर आत्मनिर्भर हैं। यह क्षेत्र तीन ओर से पहाड़ों से घिरा है। जिसमें कीमती लकड़ी, औषधीय पेड़ पौधे, फलदार वृक्ष, जंगली जानवर, हिरण, सांभर, भालू, सूअर, खरगोश, मोर एवं विभिन्न प्रकार के पंछी पाए जाते हैं। यहां से निकलने वाले नदी नाले दामोदर नदी का उदगम क्षेत्र है, जो जल का मुख्य स्रोत है। वर्षों से हाथी कोरिडोर जो जब कभी भी हाथी का आना जाना लगा रहता है। यह क्षेत्र आदिवासी, हरिजन, पिछड़ी जाति, अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र है। यहां की जनता किसी भी हाल में कोई भी कंपनी को किसी प्रकार की जमीन नहीं देंगे। ग्रामीणों द्वारा ग्राम सभा का पुरजोर विरोध होने के बाद ग्राम सभा को रद्द कर दिया गया। मौके पर अंचल निरीक्षक बड़कागांव अनोज कुमार, गोंदलपुरा एवं बादाम पंचायत के कर्मचारी आशीष सोनी, प्रखंड अमीन नरेंद्र कुमार महतो मौजूद थे। अंचल निरीक्षक बड़कागांव अनोज कुमार ने ग्रामीणों की मांगों को अपने वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराने की बात कहते हुए ग्राम सभा को रद्द होने की घोषणा किया। गोंदलपुरा पंचायत के पूर्व मुखिया श्रीकांत निराला, देवनाथ महतो, आशीत चक्रवर्ती ने संयुक्त रूप से कहा कि दामोदर नदी का अस्तित्व खत्म होने से गोंदलपूरा, रूदी, बादाम, हरली, विश्रामपुर, गंगादोहर सहित कई गांवों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इन गांव के लोग इसी नदी से सालों भर खेती बारी करते हैं। साथ ही नदी का अस्तित्व खत्म होने से गांव का जल स्तर भी काफी नीचे चला जाएगा। जिससे ग्रामीणों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
विरोध करने वालों में मुख्य रूप से मुखिया वासुदेव यादव, पुर्व मुखिया श्रीकांत निराला, देवनाथ महतो, बिनोद मेहता, फागुन गोप, चंदन कुमार, विक्रम कुमार, विनय कुमार महतो, आशीत चक्रवर्ती, रवि कुमार, लालदेव महतो, यशोदा देवी, गिरजा भुईयां, फलेन्द्र गंझू, जगदेव गंझू, भुनेश्वर गंझू, सोहर महतो, वीरेंद्र कुमार, परमेश्वर महतो, नागेश्वर चौधरी, फूलचंद यादव, दीपक कुमार यादव, सुजीत कुमार राणा, पारस कुमार, देव नारायण महतो, भीम महतो, लखन कुमार, आनंद कुमार, यशवंत कुमार, मुटर राणा, कुलेश्वर कुमार यादव, विजय भुईयां, महेश राणा, राजेश कुमार, अर्जुन महतो, रामविलास कुमार, जलधर महतो, नरेश महतो, नंदकिशोर मेहता, जितेंद्र कुमार मेहता, राज कुमार महतो, अरविंद कुमार, दिलीप कुमार महतो, सिकंदर राणा, उमेश यादव, राहुल तुरी, शंकर तुरी, अरुण राणा, रुमिया कुमारी, सुनीता देवी, सोशिला, रमेश तुरी, यशोदा देवी, सुनीता देवी, अंजू देवी, अनीता देवी, केशरी देवी, किरण देवी, सीता देवी, कुंती देवी, सोनी देवी, मुनिया देवी, सुनीता देवी, रमनी देवी, कांति देवी, चंचल देवी, बिंदा देवी, बधनी देवी, संजू देवी, कृष्णा राणा, परमेश्वर महतो सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।

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