रांची: नामकुम के खोजाटोली स्थित ट्रेनिंग ग्राउंड में शुक्रवार को वन- पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 74वां वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए।
अवसर पर मुख्यमंत्री ने मोबाइल एप्लीकेशन आधारित हाथी विचरण निगरानी प्रणाली ऐप, वन विभाग की वेबसाइट, राष्ट्रीय ट्रांजिट पास प्रणाली का उद्घाटन और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन से संबंधित बुकलेट का विमोचन किया। अवसर पर आयोजित समारोह में पर्यावरण एवं वन संरक्षण पर उत्कृष्ट कार्य कर रहे लोगों के बीच पारितोषिक का वितरण भी किया गया।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य में 2 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री वनधन योजना के तहत पेड़ लगाने पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में 50 हजार एकड़ भूमि पर बिरसा हरित ग्राम योजना चलाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि हाथी का संरक्षण भी हम सभी की प्राथमिकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों द्वारा घरों को क्षतिग्रस्त किया जाता है। नुकसान पहुंचाए गए घरों की क्षतिपूर्ति हेतु मुआवजा राशि में भी वृद्धि की गई है। हाथी को संरक्षण करने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए जन सहभागिता भी जरूरी है।
वहीं उन्होनें पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण पर जोर देते हुए कहा कि सभी अपने घर में उत्सव के दौरान एक पौधा जरूर लगाएं। राज्य को हरा-भरा रखने में सभी का योगदान जरूरी है।
कार्यक्रम में खिजरी विधायक राजेश कच्छप, विभागीय सचिव एलखियांगते, प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना डाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक कुलवंत सिंह सहित कई अधिकारी अन्य मौजूद रहे।