रामगढ़: झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा 11 फरवरी से राज्य भर में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा ली जा रही है। इधर, कई परीक्षार्थियों को एडमिट कार्ड नहीं मिलने का मामला प्रकाश में आ रहा है। कुछ बच्चे परीक्षा से वंचित रह गए हैं और कुछ वंचित होने की कगार पर हैं।
रामगढ़ जिले में एक मामला के.के.सी.प्लस टू हाई स्कूल सयाल का सामने आया है। जहां 12वीं का छात्र सौरभ कुमार एडमिट कार्ड नहीं मिलने की वजह से इंटर की परीक्षा देने से चूक गया है। सेंट्रल सौंदा निवासी सह झामुमो कार्यकर्ता उदय मालाकार के पुत्र सौरभ ने बताया कि 10 फरवरी से स्कूल में एडमिट कार्ड बांटा जा रहा है। स्कूल पहुंचने पर टालमटोल किया जाता रहा और एडमिट कार्ड नहीं दिया गया। प्रधानाध्यापक, क्लर्क और शिक्षक सबसे बात हुई, लेकिन सभी एक दूसरे पर जिम्मेवारी थोप चक्कर कटवाते रहे। बुधवार की शाम तक एडमिट कार्ड उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया था। एडमिट कार्ड नहीं मिला, जिससे आज परीक्षा में शामिल नहीं हो सका।
मामले पर सौरभ के पिता उदय मालाकार ने कहा कि यह घोर लापरवाही है। स्कूल में टाल-मटोल करते हुए सौरभ को एडमिट कार्ड नहीं दिया गया। जिससे उसकी परीक्षा छूट गई। इसकी वजह से बच्चे का एक वर्ष बर्बाद होने को है। इसकी शिकायत झारखंड एकेडमिक काउंसिल रांची, डीसी रामगढ़ और जिला शिक्षा पदाधिकारी रामगढ़ से की जाएगी। जरूरत पड़ी तो न्यायालय की शरण में भी जाएंगे।
घुटुवा के सीसीएल प्लस टू उच्च विद्यालय में मैट्रिक के दो छात्रों को अब तक नहीं मिला एडमिट कार्ड
वहीं दूसरा मामला रामगढ़ जिले के घुटुवा स्थित सीसीएल प्लस टू हाई स्कूल का है। जहां दसवीं कक्षा के दो छात्र हेहल निवासी सूरज बेदिया और डुड़गी निवासी सुशांत मुंडा को मैट्रिक परीक्षा का एडमिट कार्ड अब तक नहीं मिल सका है। बच्चों को आगामी 18 फरवरी से परीक्षा में सम्मिलित होना है। बच्चे और उनके अभिभावक परेशान हैं और स्कूल के चक्कर काट रहे हैं।
परीक्षार्थी सूरज बेदिया के पड़ोसी युवक सुरजीत मुंडा ने बताया कि प्रधानाध्यापक और क्लर्क स्कूल में किसी प्रकार की चूक से इंकार कर रहे हैं और जैक की गड़बड़ी बता रहे हैं। परीक्षार्थी सूरज बेदिया 10 फरवरी को जैक ऑफिस भी गया था। वहां भी कोई समस्या सुनने-समझने वाला नहीं मिला। वहीं एक अन्य छात्र सुशांत मुंडा को भी एडमिट कार्ड अब तक नहीं मिला है। कहा कि मामले को लेकर उपायुक्त रामगढ़ को आवेदन देने जा रहे हैं।
बहराल, मामला सिर्फ इक्का-दुक्का छात्रों का नहीं बल्कि कई अन्य छात्रों के एडमिट कार्ड नहीं मिलने की बातें सामने आ रही है। बताया जाता है कि 11 फरवरी से आयोजित परीक्षा का एडमिट कार्ड 10 फरवरी से बांटा जा रहा है। ऐसे में किसी प्रकार की समस्या होने पर समाधान कराने का भी समय नहीं बचेगा। आनन-फानन में बिना समूचित व्यवस्था परीक्षा का आयोजन सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। छात्रों का महत्वपूर्ण एक वर्ष बर्बाद हो जाने की स्थिति में जवाबदेही किसकी होगी और अबुआ सरकार कुव्यवस्था को कैसे और कब तक सुधार पाएगी, यह फिलहाल भविष्य के गर्भ में है।