गढ़वा: फाइलेरिया मुक्ति अभियान के तहत मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के अंतर्गत रंका प्रखंड मुख्यालय के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों एवं शिक्षण संस्थानों में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा फाइलेरियारोधी दवा खिलाया गया।
कार्यक्रम के प्रथम दिन आंगनबाड़ी केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र, विद्यालयों सहित कई सार्वजनिक स्थानों पर एल्बेंडाजोल की गोली खिलायी गई।
नेहरू युवा केन्द्र के पूर्व स्वयंसेवक अमरेन्द्र कुमार ने ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा कि गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को दवा नहीं खाना है। वहीं खाली पेट भी दवा का सेवन नहीं करना है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। जिसे आगामी 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है।
इस रोग के प्रति लापरवाही व अनभिज्ञता के कारण यह रोग बहुत ही भयानक हो जाता है। फाइलेरिया मच्छर के काटने से भी होने वाला एक संक्रामक रोग है। व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। इसके लक्षण हाथ पैर की सूजन तथा अंडकोष के सूजन होना है। यह दवा फाइलेरिया के रोगाणु को मार देती है और आपको हाथीपांव व हाइड्रोसील जैसी बीमारी से बचाने में सहायता करती है। इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करने एवं अपने आस पास के क्षेत्रों में होने वाले जल जमाव को रोकना होगा।
पहले दिन दवा खाने से वंचित लोगों को आगामी 11 से 25 फरवरी तक घर घर जाकर दवा खिलाया जाएगा। स्वयंसेवक अमरेंद्र कुमार के साथ सहिया साथी प्रमिला देवी, सहिया प्रभा देवी ने फाइलेरिया मुक्त अभियान में सराहनीय भूमिका निभायी।