बड़कागांव : एनसीओईए (सीटू) के बैनर तले बरका सयाल प्रक्षेत्र अंतर्गत बेस वर्कशॉप उरीमारी में भारत सरकार के मजदूर विरोधी नीति में विरोध में पीट मीटिंग वासुदेव साव की अध्यक्षता में बुधवार को किया गया। पीट मीटिंग में वक्ताओं ने कहा कि कोल इंडिया को मोदी सरकार बेच देना चाह रही हैं, कोल इंडिया के सभी सब्सिडरी कम्पनी को एक-एक कर 25 प्रतिशत प्रति कंपनी को बेचना चाह रही है। जिसकी शुरुवात ईसीएल, बीसीसीएल और सीएमपीडीआई से शुरुआत कर रही है। 160 कोयला खदान को पूँजीपतियों के हाथ बेच रही है। जिसका शुरुवात 20 खदान को बेचकर किया है और देखना चाहता है कि मजदुर विरोध किस प्रकार कर रहा है। वेज कोड और आईआर कोड लागू होने पर श्रमिकों को होम टेक सैलेरी कम हो जायेगा। मजदुरो को आठ घंटे काम करने के बजाय अब 12 घंटा काम करना होगा अर्थात छह दिन काम करने के बदले चार दिन ही काम करना होगा। कुल मिलाकर 48 घंटा ही काम करना होगा। फरवरी 2022 माह का जो प्रबंधन के द्वारा एडवांस देने के नाम पर कमाया हुआ वेतन को रोक रखा है, जिसके लिए हमारी यूनियन के महासचिव एआईसीडब्ल्यूएफ के डी.डी. रामनंदन, महासचिव एनसीओइए के आर पी सिंह तथा एटक के अध्यक्ष रमेन्द्र कुमार ने लगातार सीएमडी और डी.पी. सीसीएल पर दवाब बनाने का नतीजा है कि प्रबंधन ने कमिटी बनाई है और जल्द से जल्द जाँच कर काटे गए वेतन का भुगतान किया जायेगा।

वक्ताओं ने कहा कि अब कोल इंडिया में कार्यरत कर्मचारियों, और श्रमिको को एकता बनाकर संघर्ष का बिगुल फूंकना होगा और जरूरत पड़ी तो हड़ताल भी करने को तैयार रहना होगा। कोल इंडिया का इतिहास रहा है कि बगैर संघर्ष और हड़ताल किये अपना हक नही मिला है।

मौके पर मुख्य रूप से जोनल सचिव पी डी सिंह, आर एन सिंह, गोपाल यादव, संजय कुमार, प्रकाश कुमार, शिवमूर्त राम, बिनोद, अरविंद कुमार, दिलीप कुमार, लालचंद महतो, मनोज उरांव, विजय, हरिचंद्र पासवान, विकाश सिंह सहित उरीमारी के सैकड़ो मजदूर उपस्थित थे।

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