गिरीडीह: वनवासी विकास आश्रम, गिरिडीह के द्वारा आशा रांची के सहयोग से ‘बालिका नहीं दुल्हन’ बाल विवाह मुक्त बगोदर बनाने हेतु पंचायत स्तरीय कार्यशाला का आयोजन पंचायत सचिवालय अडवारा में किया गया। कार्यशाला में विषय प्रवेश कराते हुए संस्था के महेंद्र तिवारी ने कहा कि पूरे झारखंड में गिरिडीह और कोडरमा में ज्यादातर बाल विवाह होती है। इस कुप्रथा से खामियाजा लड़का-लड़की दोनों को भुगतना पड़ता है।

मुखिया संगीता कुमारी ने कहा कि इस प्रथा को बंद करने के लिए सभी के स्तर से बात करनी होगी। इस शादी को करने में अभिभावकों का बहुत बड़ा रोल होता है। लड़के और लड़कियां विरोध नहीं कर पाती है। जिसका खामियाजा बच्चों लोगों को भुगतना पड़ता है। कम उम्र में शादी, कम उम्र में बच्चें होने से दोनों के स्वास्थ्य और मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है। शादी के लिए कम से कम लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के का उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए। यदि कहीं बाल विवाह होता है तो टोल फ्री नंबर 1098 पर कॉल करके सूचना देने की बात कही। सूचना देने वाले का नाम और नंबर गोपनीय रखा जाता है।

वही पंचायत समिति सदस्य लखविंदर सिंह ने कहा कि बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि आज भी हम लोग बाल विवाह जैसी को प्रथाओं को रोकने में असफल हो रहे हैं। इस प्रथा को रोकने के लिए आज हम लोग शपथ लेंगे कि बाल विवाह नहीं करेंगे और ना ही इस तरह के कार्यक्रमों में हम लोग शामिल होंगे। पंचायत सचिव पुष्पा कुमारी ने कहा कि बाल विवाह एक अभिशाप है। इसे बंद करने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा।

कार्यशाला में मुख्य रूप से उत्तम कुमार, ओम प्रकाश महतो, अंजुम आरा, रवि कुमार, उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक मदन कुमार, सुधीर कुमार, आंगनबाड़ी सेविका राम दुलारी देवी, बाल गोविंद महतो, धनेश्वर मरांडी, अरुण कुमार मोदी, ठाकुर चंद्र महतो, नागेश्वर मिश्रा, निर्मल महतो, ऐश्वर्या देवी, मोहिनी देवी, तेजो महतो सहित कई लोग मौजूद थे।

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