हजारीबाग: जीएम महाविद्यालय, इचाक में विश्व बाल श्रम निषेध पर सेमिनार का आयोजन सोमवार को किया गया। जिसमें विद्यार्थियों को बाल श्रम से समाज पर पड़े दुष्प्रभाव और नौनिहालों के बिगड़ते भविष्य के संबंध में जानकारी दी गई। साथ ही सेमिनार बाल श्रम निषेध कानून के संबंध में बताया गया।
।मौके पर महाविद्यालय प्रभारी पंकज कुमार ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं इनसे इनका बचपन मजदूरी में व्यर्थ गंवाना उचित नहीं। देश के युवा होने के नाते हमें देश के विकास और वृद्धि के लिए अधिक जिम्मेवारी उठानी चाहिए।
इस दौरान 12वीं की छात्रा पल्लवी कुमारी ने कहा कि बच्चों के मासूम बचपन के खोने पर बिलख रहा है विश्व, न रोका गया इसे जल्दी से तो खो देगा हर राष्ट्र अपना भविष्य। बाल श्रम एक बहुत बड़ा सामाजिक मुद्दा हो गया है जो राष्ट्र के विकास का बहुत बड़े स्तर पर प्रभावित करता है। स्नातक द्वितीय के छात्र अनुबाला और प्रतिमा कुमारी ने कहा कि कुछ उद्यमी और व्यापारी कुछ कामों में बच्चों को बहुत कम कीमत पर शामिल करते हैं। वो हमारे नजरिये से क्यों नहीं देखते, वो क्यों छोटे मासूम बच्चों को अपना बचपन नही जीने देते। वो क्यों बच्चों को उनके शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार से वंचित करते हैं। इसके अलावा प्रीति कुमारी, राधा कुमारी, मुस्कान कुमारी, रुचिका शर्मा, अनिशा कुमारी ने भी अपने अपने विचार रखे।
शिक्षकों ने छात्र छात्राओं को बताया कि बाल श्रम बच्चों की स्कूली शिक्षा को जारी रखने में बाधा उत्पन्न करता है क्योंकि यह उनके मानसिक सामाजिक और नैतिक रूप से परेशान करता है। हमे उन अभिभावकों को जागरूक करने की आवश्यकता है। जिनके बच्चें पढ़ाई लिखाई खेलकूद भूलकर मजदूरी कर रहे हैं। देश के युवा होने के नाते हमें देश के विकास और वृद्धि के लिए अधिक जिम्मेदार होना चाहिए इसलिए इस समस्या को बढ़ने में अपनी दखल देकर रोके और सकारात्मक रूप से कार्य करें।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक रत्नेश कुमार राणा, संगम कुमारी, दीपक प्रसाद, आशीष कुमार पांडेय, अजीत हंसदा, रियाज अहमद, संजीत कुमार, राजकुमार सहित कई लोगों का सराहनीय योगदान रहा।

