प्राइवेट रैक में रोजगार देने की उठी मांग 

बड़कागांव: विस्थापित संघर्ष मोर्चा के बैनर तले उरीमारी रेलवे साइडिंग में प्राइवेट रैंक में विस्थापितों को रोजगार की मांग को लेकर शनिवार को प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन का नेतृत्व विस्थापित संघर्ष मोर्चा के सचिव महादेव बेसरा, कानू मरांडी, चरका करमाली के द्वारा किया गया। प्रदर्शन में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन बरका-सयाल के क्षेत्रीय सचिव राजू यादव उपस्थित थे।

मौके पर यूनियन के क्षेत्रीय सचिव राजू यादव ने कहा कि उरीमारी कोलियरी में विस्थापितों का रोजगार मात्र रोड सेल है। उसे भी प्रबंधन के द्वारा एक साजिश के तहत रोड सेल में पेलोडर लगवा कर विस्थापितों को झलने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे साइडिंग में प्राइवेट रैंक लगता है तो उसमें बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए अन्यथा विस्थापित ग्रामीण अपने हक अधिकार के लिए आन्दोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

विस्थापित संघर्ष मोर्चा के सचिव महादेव बेसरा में कहा कि उरीमारी रोड सेल में हमलोगों के पुर्व मुखिया स्वर्गीय निर्मल कुमार यादव एक व्यवस्था बनाकर गए हैं। जिससे की यहां के विस्थापित बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि सीसीएल प्रबंधन के द्वारा रोजगार व्यवस्था को हर संभव खत्म करना जाती है। जिसे हम विस्थापित कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमलोग विस्थापितों को रोजगार के लिए हर आंदोलन करने हेतू हमेशा तत्पर रहेंगे।

ये रहे मौजूद 

मौके पर मुख्य रूप से कानू मरांडी, डॉ जी आर भगत, उरीमारी पंचायत समिति सदस्य गीता देवी, महेश गंझू, कजरू उरांव, दशाराम हेंब्रोम, तालो बेसरा, सिगू हेंब्रोम, मन्नू टुडू, राकेश बेसरा, सीतामुनी देवी, फूलमति देवी, रामा उरांव, कमलेश गंझू, सुकर गंझू, राज कुमार गंझू, कंचन मांझी, चंदू जायसवाल, पप्पू मांझी, उमेश मांझी, विजय मरांडी, बहालाल, निखिल, रमेश, कुला प्रजापति, विनोद प्रजापति, शिबू ठाकुर, राजकुमार, मोहन हेंब्रोम, वासुदेव सोरेन, तेतरी देवी, शांति देवी, फुलमनी देवी, ममता देवी, फुलेश्वरी देवी, सुशीला देवी, रूसुमुनी देवी, देवंती देवी, मोनिका देवी, मिला देवी, रीता देवी, मालती देवी, रेखा देवी, मुनिया देवी, ललिता देवी, शकुंतला देवी, गंगिया देवी, संगीता कुमारी, कोशिला कुमारी, मनोज सोरेन, जितेंद्र सोरेन, लालदेव सोरेन, जीतू सोरेन, तालो हेंब्रोम, विक्की पवरिया, दीपक हेंब्रोम, आनंद टुडू, राजू, सोमरा किस्कू, चंदन पवरिया, मनोज हेम्ब्रोम, सुरेंद्र हेंब्रोम, विकास किस्कू, देवा हेम्ब्रोम, जग्गी देवी, भोला किस्कू सहित कई विस्थापित ग्रामीण मौजूद थे।

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