हजारीबाग: विश्व आदिवासी दिवस सामुदायिक भवन गिद्दी ए में मनाया गया। मौके पर डाड़ी प्रखंड प्रमुख दीपा देवी सहित अन्य अतिथियों के द्वारा आदिवासी आन्दोलनकारी वीर शहीद बाबा तिलका मांझी, भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हू, नीलाम्बर-पीताम्बर, शेख भिखारी, कोका करमाली, फुलो झानो के तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आयोजन समिति द्वारा अतिथियों को बैच पहनाकर स्वागत किया गया।
मौके पर वक्ताओं ने कहा कि आदिवासियों के साथ वर्षों से अत्याचार हो रहा है। आदिवासियों के हितों के रक्षा के लिए संविधान में भी विशेष व्यवस्था बनाने के बावजूद आदिवासी समाज का अस्तित्व, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक रीति-रिवाजों को नष्ट किया गया है। हमें सरकारी योजनाओं से भी वंचित कर दिया जाता है। शोषित पीड़ित आदिवासी आज भी सरकार की योजनाओं का लाभ नही लें पा रहे है। लेकिन केन्द्र की भाजपा सरकार आदिवासी विलुप्त करने वाले कानून ला रही है। जिसे आदिवासियों के लिए सामान नागरिक संहिता (UCC) को बिल्कुल मंजूर नही करेगें। मणीपुर जैसे कई राज्यों पर आदिवासी महिलाओं के साथ निर्वस्त्र सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या की जाती है लेकिन केन्द्र सरकार चुप्पी साधे हुए हैं। इसलिए आदिवासी समुदाय ने संकल्प लिया है कि जैसे जुल्म का खिलाफ वीर शहीद सिद्धू-कान्हू, वीर बिरसा मुंडा जैसे आदिवासी समुदाय ने हुल किया था। उसी प्रकार से जुल्म के खिलाफ एकजुट होकर हूल करने की जरूरत है।
कार्यक्रम के दौरान लक्ष्मी ग्रुप, रीया ग्रुप, विक्रम ग्रुप, मुस्कान ग्रुप, मेक्सो ग्रुप, गोरी बरदा ग्रुप, राखी ग्रुप, यशोती ग्रुप, अनसुनी ग्रुप, अनसुनी 2 ग्रुप, पुष्पा ग्रुप, चांदनी ग्रुप, मीरा सॉय ग्रुप सुमन हांसदा कनोदा ग्रुप की बच्चियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मौके पर डाड़ी प्रखंड प्रमुख दीपा देवी, गिद्दी ख पंचायत मुखिया उषा देवी, संथाल समाज दिशोम मांझी परगना केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आर डी हॉंसदा, केन्द्रीय उपाध्यक्ष अलख कुमार मांझी, केन्द्रीय कोषाध्यक्ष एतवा मांझी, महली समाज केन्द्रीय अध्यक्ष सोमर महली, भोक्ता समाज पूर्व केन्द्रीय सचिव सैनाथ गंझू, संथाल समाज दिशोम मांझी परगना केन्द्रीय सचिव सन्नी सोरेन, रतिलाल मरांडी, राजेन्द्र चाकी, पन्नालाल मुर्मू, सन्नी बेसरा, प्रदीप सोरेन, दशरथ करमाली, पतिलाल मरांडी, सावन हंसदा, धनीराम किस्कू, पतिलाल हंसदा, प्रकाश महली, आशीष करमाली, गहन बेसरा, संजय कुमार टुडू, मोहन सोरेन मुर्सिंगलाल हंसदा, सुखराम हेम्ब्रोम, भुनेश्वर मुर्मू, राजेन्द्र सोरेन, संतोष करमाली, रामचन्द्र टुडू, प्रदीप गंझू, सावन हांसदा सहित संथाल समाज दिशोम मांझी परगना, भोक्ता समाज, बेदिया समाज, करमाली समाज, उरांव समाज, मुंडा समाज, महली समाज एवं अन्य आदिवासी समुदाय के लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में संतोष करमाली,आशीष करमाली, प्रकाश महली, गोपाल हंसदा, संजय हंसदा, गणेश गंझू, बासु गंझू, मनोज टुडू, रमेश सोरेन, विकास कुमार गंझू, सन्नी गंझू, सोमर महली, गुलेश्वर महली, बहादुर मुर्मू, संजय मांझी, समीर मुर्मू, रमेश किस्कू, रमेश टुडू, अमित टुडू, प्रदीप गंझू, शिवनाथ गंझू, दशरथ करमाली, उमेश करमाली, संजय सोरेन, बहाराम सोरेन, शंकर बेदिया, नरेश बेदिया, अमर लाल बेदिया, दिनेश बेदिया, राजेश बेदिया, भुखलाल बेदिया, एतवा उरांव, सुरेश उरांव, दिलीप मुंडा सहित कई लोगों का सराहनीय योगदान रहा।

