ज्योतिर्मठ और द्वारका के थे शंकराचार्य
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हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (99वर्ष) ने रविवार को मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में अंतिम सांस ली। नरसिंहपुर के परमहंसी गंगा आश्रम में आज दोपहर 3:30 पर उनका निधन हुआ। स्वामी स्वरूपानंद हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु माने जाते थे। वे ज्योतिर्मठ और द्वारका के शंकराचार्य थे। उन्होंने नौ वर्ष की उम्र में घर छोड़ धर्म की राह पकड़ ली। करपात्री महाराज से उन्होंने वेेदोंं और शास्त्रों की शिक्षा ली। वे आजादी की लड़ाई में जेल भी गये। राम मंदिर को लेकर भी उन्होंने संघर्ष किया और लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी। सनातन समाज के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनके निधन पर देश के धर्मगुरुओं, नेताओं और गणमान्य लोगों ने गहरी शोक संवेदना जताई है।