वैश्विक कल्याण के लिए बुद्ध के संदेशों का प्रसार करता रहा है भारत : नरेंद्र मोदी 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली के होटल अशोका में दो दिवसीय वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। यहां भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर प्रधानमंत्री मोदी पुष्प अर्पित कर नतमस्तक हुए। साथ ही यहां लगी फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। अवसर पर प्रधानमंत्री ने 19 बौद्ध भिच्छुओं को अंगवस्त्र भेंटकर उनका अभिनंदन किया।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में दुनिया के विभिन्न कोनों से आए सभी लोगों का स्वागत किया। उन्होंने रेखांकित किया कि ‘अतिथि देवो भव’ यानी मेहमान भगवान के समान हैं, बुद्ध की इस भूमि की परंपरा है और बुद्ध के आदर्शों के माध्यम से जीने वाले इतने सारे व्यक्तित्वों की उपस्थिति हमें बुद्ध के स्वयं के आसपास होने का अनुभव कराती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध एक अनुभूति हैं जो व्यक्ति से परे हैं, वे एक विचार हैं जो रूप से परे हैं और बुद्ध अभिव्यक्ति से परे एक चेतना हैं। भगवान बुद्ध की चेतना शाश्वत है।

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उद्घाटन वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन सभी देशों के प्रयासों के लिए एक प्रभावी मंच तैयार करेगा और इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए संस्कृति मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ को धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पण भाव से काम किया है। उन्होंने IBC के सहयोग से भारत और नेपाल में बौद्ध सर्किट के विकास, सारनाथ और कुशीनगर, कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, और लुंबिनी में बौद्ध विरासत और संस्कृति के भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के नवीनीकरण के बारे में बात की।

प्रधानमंत्री ने मानवता के मुद्दों के लिए भारत में एक अंतर्निहित सहानुभूति के लिए भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को श्रेय दिया। उन्होंने तुर्की में भूकंप जैसी आपदाओं के लिए बचाव कार्य में शांति मिशन और भारत के पूरे दिल से किए गए प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “140 करोड़ भारतीयों की इस भावना को दुनिया देख रही है, समझ रही है और स्वीकार कर रही है।”

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बुद्ध की प्रेरणा से प्रभावित भारत की पहल ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ या ‘मिशन लाइफ’ पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर लोग जागरूक होकर अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं तो जलवायु परिवर्तन की इस बड़ी समस्या से भी निपटा जा सकता है। श्री मोदी ने टिप्पणी की, “मिशन लाइफ़ बुद्ध की प्रेरणाओं से प्रभावित है और यह बुद्ध के विचारों को आगे बढ़ाता है।”

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधान मंत्री ने भौतिकवाद और स्वार्थ की परिभाषाओं से बाहर आने और ‘भवतु सर्व मंगलम्’ की भावना को आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल दियाबुद्ध को प्रतीक ही नहीं प्रतिबिंब भी बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, यह संकल्प तभी पूरा होगा जब हम पीछे न मुड़ने और हमेशा आगे बढ़ने के बुद्ध के वचनों को याद रखेंगे। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि सभी के साथ आने से संकल्प सफल होंगे।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री  अर्जुन राम मेघवाल, मीनाक्षी लेखी और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव डॉ. धम्मपिया इस अवसर पर उपस्थित थे।

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