धर्म और संस्कृति के प्रति जागृति का प्रयास

रामगढ़: देश में रामलीला मंचन की संस्कृति हमेशा से रही है। विगत तीन दशकों में पर्व त्योहारों पर आर्केस्ट्रा का प्रचलन काफी बढ़ा है, किन्तु मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के आदर्शों को रामलीला के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कमोबेश आज भी जारी है।

रामलीला के माध्यम से श्री रामाय प्रचारक मंडल, यूपी 25 वर्षों से देश के विभिन्न इलाकों में श्री राम के आर्दश गुणों का प्रचार किया जा रहा है। इन दिनों मंडली के 15 सदस्य रामगढ़ जिला के सौंदा डी पंचायत में रामलीला का मंचन कर रहे हैं। रामायण के विभिन्न प्रसंगों को कलाकार जीवंत रूप से प्रस्तुत कर रहे हैं। जिसे लेकर लोगों में भी खासा उत्साह दिख रहा है।

मंडली के संचालक पंडित संतोष तिवारी बताते हैं कि उनके और उनके मंडली में शामिल कई कलाकारों के पूर्वज भी देश में जगह-जगह रामलीला का मंचन करते थे। आज उसी परंपरा का निर्वहन मंडली के कलाकार कर रहे हैं। साथ ही कई नये लोग भी मंडली से जुड़े हैं। मंडली में प्रयागराज, काशी और विंध्याचल के लोग शामिल हैं।

बातचीत के क्रम में पंडित संतोष तिवारी ने बताया कि मंडली उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित नेपाल में भी रामलीला का मंचन कर चुकी है। मंडली का एक समूह इन दिनों अलवर, राजस्थान और दूसरा समूह गुना, मध्यप्रदेश में रामलीला का मंचन कर रहा है। 

बताते हैं कि कई माह घर-परिवार से दूर रामलीला मंचन और हिंदू संस्कृति के प्रचार में ही बीतता है। बरसात के मौसम में मंडली के लोग अपने घर जाते हैं और गृहस्थ जिम्मेवारियों को निभाते हैं। संचालक बताते हैं कि शारदीय नवरात्र के दौरान रामलीला मंचन के लिए मंडली निर्धारित राशी लेती है। जिससे मंडली के सदस्यों और उनके परिजनों की आजीविका चल सके। साथ ही लाइट-साउंड और अन्य जरूरी चीजों का खर्च निकल सके। जबकि अन्य दिनों में बिना निर्धारित शुल्क के रामलीला का मंचन होता है। अपनी इच्छा और सामार्थ्य के अनुसार लोग सहयोग देते हैं।

पंडित संतोष तिवारी ने बताया कि रामलीला के दौरान कभी खर्च निकल जाता है तो कभी कभार परेशानी भी होती है। लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के प्रति लोगों का प्रेम और रामलीला के प्रति लोगों में उत्साह ही हमारे लिए सर्वोपरि है। राम के आदर्शों को जन-जन पहुंचाने के लिए प्रयास हमेशा जारी रहेगा।

वहीं एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह सच है कि बीते दो दशकों में त्योहारों के दौरान नाच-गाने और आर्केस्ट्रा का प्रचलन काफी बढ़ा जरूर है। लेकिन इधर विगत कुछ वर्षों में देशवासी अपनी गौरवशाली परंपराओं और प्राचीन संस्कृति के पुनरोत्थान के प्रति जागरूक होते भी दिख रहे हैं। रामलीला मंचन के दौरान कई जगहों पर मंडली को धर्मानुरागियों का भरपूर स्नेह, सहयोग और सम्मान मिलता रहा  है। 

पंडित संतोष तिवारी जी

रामलीला के आयोजन के लिए श्री रामाय प्रचारक मंडल के इन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है- 7067525681, 7023174410, 9661403992.

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