रामगढ़: उपायुक्त चंदन कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को उनके कार्यालय कक्ष में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक के दौरान जिला कल्याण पदाधिकारी रामेश्वर चौधरी के द्वारा जानकारी दी गई कि वर्तमान में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कल्याण विभाग के समक्ष तीन मामले सामने आए हैं। बैठक के दौरान उपायुक्त ने अन्य अधिकारियों के साथ तीनों मामलों के तहत अब तक किए गए कार्यो के संबंध में विचार विमर्श करने के उपरांत महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
क्या है अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989: यह अधिनियम अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के विरुद्ध किए गए अपराधों के निवारण के लिए है, अधिनियम ऐसे अपराधों के संबंध में मुकदमा चलाने तथा ऐसे अपराधों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए राहत एवं पुनर्वास का प्रावधान करता है।कानून की विशेषताएं : यह अनुसूचित जातियों और जनजातियों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ़ अपराधों को दंडित करता है। यह पीड़ितों को विशेष सुरक्षा और अधिकार देता है। यह अदालतों को स्थापित करता है, जिससे मामले तेजी से निपट सकें। |