मूलभूत सुविधाओं से वंचित विद्यालय में कैसे जलेगी शिक्षा की लौ
रिपोर्ट:- संजय राम
बारियातू (लातेहार): बारियातू प्रखंड के सिबला पंचायत अंतर्गत उमवि मकरा के विद्यालय भवन बेहद जर्जर हालत में है। जहां बच्चे जान जोखिम मे डालकर पठन-पाठन कर रहे हैं। विद्यालय में कक्षा एक से आठवीं तक पढ़ाई होती है। विद्यालय की जर्जर हालत को देख अभिभावकों की चिंता भी बढ़ती जा रही है।
ग्रामीण लवकुश यादव, शुबोध यादव, चंचल सिंह, विकास ठाकुर, दीपू ठाकुर, कौलेश्वर राम, तुलसी लोहरा, तुलेश्वर तुरी सहित अन्य ग्रामीणों ने बातया की हमारे बच्चे इसी विद्यालय में पढ़ने आते हैं विद्यालय भवन जर्ज़र है और बारिश से पीछे भाग का छज्जा गिर गया है। आगे के भाग की दीवार भी गिरने को है। छात्र छात्राओं के साथ अनहोनी होने की चिंता सताते रहती है। प्रायः भारी बारिश के दौरान विद्यालय की दीवार गिरने के भय से बच्चों को छुट्टी तक करनी पड़ती है। जिससे बच्चे का शिक्षण कार्य भी प्रभावित होता है।
मूलभूत सुविधाओं तक का है घोर अभाव
बताया जाता है कि विद्यालय में कक्षा एक से आठवीं के लिए मात्र दो शिक्षक हैं। शिक्षक की घोर कमी के कारण भी शिक्षण कार्य प्रभावित होता है। विद्यालय में लगा चापानल पिछले कई माह से खराब है। जिससे मध्याहन भोजन बनाने सहित छात्रों को पेयजल के लिए काफ़ी कठिनाई होती है। चहारदीवारी में गेट नहीं होने के कारण मवेशी विद्यालय में घुस जाते हैं। यहां तक कि रसोई रूम में खिड़की और दरवाजा तक नहीं लगाया गया है। रसोईया को मध्यान्ह भोजन बनाने की सामग्री और बरतन रोज लाना और वापस ले जाना पड़ता है। इसकी जानकारी विद्यालय के शिक्षकों द्वारा विभाग को दी गई। परन्तु किसी अधिकारी को विद्यालय की समस्या पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा।
क्या कहते हैं प्रभारी प्रधानाध्यापक
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय सिंह ने बताया कि विद्यालय के जर्जर भवन की जानकारी विभाग को दी गई है। हम सूचना दे सकते हैं लेकिन इसपर पहल करने का काम विभाग का है।
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