Counseling program organized for covid-19 affected childrenCounseling program organized for covid-19 affected children

कोडरमा: चाइल्ड लाइन, इंडिया फाउंडेशन एवं समर्पण की ओर से कोविड-19 से प्रभावित बच्चों के लिए त्वरित केस मैनेजमेंट एवं परिवार आधारित देखभाल का सबलीकरण विषय पर जिला स्तरीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजन होटल सेलिब्रेशन में शनिवार को किया गया। कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह बाल संरक्षण पदाधिकारी (संस्थागत देखरेख) अर्चना ज्वाला, सीडब्ल्यूसी सदस्य शैलेश कुमार, पंकज कुमार, अनिल कुमार सिंह, स्थाई लोक अदालत के सदस्य बालेश्वर राम, बाल गृह के अधीक्षक विकास कुमार, स्वाधार गृह के अधीक्षक पूनम साहू, चाइल्ड लाइन के समन्वयक अभिषेक कुमार उपस्थित थे।

मौके पर समर्पण संस्था के सचिव इंद्रमणि साहू ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि कोविड से प्रभावित बच्चों को शिक्षा एवं सरकारी योजनाओं से जोड़ने की आवश्यकता है। क्षेंत्र में ऐसे कई बच्चें हैं जो काफी जरूरतमंद है। ऐसे चिन्हित जरूरतमंद बच्चों को हम सभी अपने-अपने प्रयास से लाभ पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि समर्पण जैसे कई सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन इस दिशा में काम कर रही है, जिन्हें विभागीय सपोर्ट की आवश्यकता है।

जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी नरेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड के बाद भी ऐसे कई फैमिली हैं जिनके परिवार के मुख्य व्यक्ति की मृत्यु हो गई है उनके बच्चें आज दर-बदर हो रहे हैं। ऐसे चिन्हित बच्चें यदि कहीं मिलें तो यहां भी हम स्पॉन्सर सी स्कीम से जोड़ सकते हैं।

सीडब्ल्यूसी के सदस्य शैलेश कुमार ने कहा कि संस्थाओं का कार्य क्षेत्र सीमित नहीं होता है, जबकि हम सिर्फ और सिर्फ सीएनसीपी बच्चों पर केंद्रित है। हमारे लिए चाइल्ड लाइन की टीम हाथ, पांव, आंख, नाक, कान सब है। उन्हीं के बदौलत हम अपने बच्चों को बेहतर सुविधा और व्यवस्था पहुंचा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद समुदाय में मानसिक, शारीरिक व आर्थिक शोषण दर बढ़ा है। घर में जिम्मेदारी बढ़ने से बच्चें और किशोरियों को कमाने के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं। जहां उनका शोषण को होने की खबरें लगातार आ रही है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार से जुड़ी अधिवक्ता सुमन जायसवाल ने कहा कि यहां संसाधनों और सुविधाओं की कमी नहीं है, कमी है तो बस अच्छी नियत की। यदि नियत अच्छी हो तो हम बेहतर परिणाम ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि भोजन के लिए तरसती महिलाओं को यदि हम भोजन की व्यवस्था करा दें तो यह जीवन की बड़ी उपलब्धि है।

सामाजिक कार्यकर्ता संतोष वर्णवाल ने कहा कि बच्चों के सर्वोत्तम हित के लिए आपसी समन्वय जरूरी है।
अर्चना ज्वाला ने कहा कि बच्चों की जिंदगी में परिवर्तन लाना ही हमारा उद्देश्य है।

सीडब्ल्यूसी के सदस्य अनिल कुमार सिंह ने कहा कि हमारी कार्यपद्धती एवं सिद्धांत पर यदि सवाल खड़े हो रहे हैं तो इसके पीछे समन्वय का अभाव है। आपसी समन्वय से ही हम जिला में सभी बच्चों को एक बेहतर दुनिया देख सकते हैं।
स्वाधार गृह की अधीक्षक पूनम साहू ने कहा कि सरकार के द्वारा महिलाओं और बच्चों के लिए पर्याप्त फंड की व्यवस्था करने की आवश्यकता है। यदि पौष्टिक आहार और भोजन के लिए के लिए ₹43 रुपए का प्रावधान है तो यह उस महिला का शोषण का हिस्सा है।

स्थाई लोक अदालत के सदस्य बालेश्वर राम ने कहा कि हम सभी का व्यक्तित्व में काफी विशेषताएं हैं, लोगों की उम्मीदें और आशाएं हम सभी से जुड़ी हुई है। इसीलिए हम सभी को अपने ऊपर चढ़े सरकारी रंग को हटाकर काम करने की जरूरत है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से विमला देवी, चाइल्डलाइन की सुनीता कुमारी, योगेश कुमार, जितेंद्र कुमार सिंह, जय मंगल, सब सेंटर के समन्वयक उमेश कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।

By Admin

error: Content is protected !!