Forest feast cum meeting ceremony of students of Panchparganiya language organized

रांची: पंचपरगनिया भाषा विकास केंद्रीय समिति, बूंडू के तत्वावधान में रविवार को बुंडू स्थित सूर्य मंदिर परिसर में वनभोज सह मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. दीनबंधु महतो ने पंचपरगनिया संस्कृति और टुसू पर्व की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि टुसू नामक कन्या काशीपुर राजा की पुत्री थी। उसकी स्मृति में टुसू पर्व का आयोजन किया जाता है समिति के सचिव डॉ. करम चंद्र अहीर ने वर्तमान पीढ़ी को अपनी भाषा संस्कृति को बचाने के लिए आगे आने का आह्वान किया। टुसू पर्व पंचपरगनिया संस्कृति की धरोहर है इसे संरक्षण देकर टुसू संस्कृति को विश्व पटल पर स्थापित करने की बात कही।

इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय पंचपरगनिया विभाग, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, पांच परगना किसान कॉलेज, डोरंडा कॉलेज रांची के छात्र-छात्राओं के द्वारा टुसू आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम में गौरेन्द्र नाथ गोंझू, प्रो. लखींद्र मुंडा, प्रो. लक्ष्मीकांत प्रमाणिक, हलधर अहीर, सहदेव महतो, दिनेश प्रसाद सिंह, राम दुर्लभ सिंह मुंडा, रमाकांत महतो, पुरेंद्रनाथ अहीर, राजकिशोर स्वांसी, प्रो. विद्यासागर यादव, प्रो. कृष्ण सिंह मुंडा सैनाथ सिंह मुंडा, रूपेश, सुदर्शन, धर्मेंद्र, चंद्रदेव, आदि उपस्थित थे।

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