रांची: पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार झारखंड के लिए फंड  देती रही है और राज्य सरकार फंड लूटती रही है। झारखंड में सिर्फ “कंपटीशन ऑफ करप्शन” चला है।  यह बातें भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने झारखंड प्रदेश कार्यालय में शनिवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कही।

गौरव वल्लभ ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार ने झारखंड को ढाई लाख करोड़ रूपये दिए हैं। पिछले 10 वर्षों की बात करें तो 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद तकरीबन 4.5 लाख करोड़ रुपए झारखंड को आवंटित किया गया। इसके अलावा केंद्र  सरकार ने झारखंड में रेलवे डेवलपमेंट पर 37,972 करोड़ और हाइवे डेवलपमेंट के लिए तकरीबन 17 हजार करोड़ खर्च किए हैं।  वही ट्राइबल अफेयर्स मंत्रालय की 917 करोड़ और आदिवासी कल्याण की योजनाओं पर 760 करोड़ खर्च किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत राज्य सरकार को 11. हजार करोड़ आवंटित किए गए, लेकिन राज्य सरकार महज पौने छह हजार करोड़ ही खर्च कर सकी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा के लिए आवंटित 86 करोड़ में से राज्य सरकार 48 करोड़ ही खर्च कर सकी। टूरिज्म सर्किट के लिए केंद्र सरकार 1000 करोड़ के लिए राज्यों से प्रोपोजल मांगा था। लेकिन झारखंड सरकार प्रोपोजल तक जमा नहीं कर सकी। यहां योजनाएं बनाने की बजाय लूटने का काम चलता रहा है और घोटाले होते रहे हैं। 

कहा कि झारखंड एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है जहां घोटाले के आरोप में राज्य का एक डीसी जेल में है, एक मंत्री जेल में है, मंत्री का पीए जेल में है और मुख्यमंत्री खुद बेल पर है। राज्य को लूटर्स के हवाले कर दिया गया है। जो अलग-अलग तरीकों से राज्य को लूटते रहे हैं। 

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