स्थिति का आंकलन कर जल्द निर्णय लेगी सरकार : बादल पत्रलेख

रांची : बारिश की कमी की वजह से सूबे में फसलों को भारी क्षति हुई है। राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने और किसानों के लिए राहत कार्य शुरू करने की मांग उठ रही है। सोमवार को मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सदन में सत्र शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा मचाया।

दोपहर बाद सत्र में सूबे के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि राज्य में हुई कम बारिश को लेकर सरकार चिंतित है। सूखे की यह स्थिति राज्य के लिए नयी नहीं है। पूर्व में भी झारखंंड सूखे और अकाल की चपेट में आया है।

कहा कि इस वर्ष 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है। कृषि विभाग ने मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन विभाग को स्थिति से अवगत करा दिया गया है। अबतक 6 लाख 89 हजार हेक्टेयर भूमि पर फसल का आच्छादन हुआ है, जबकि राज्य में कृषि योग्य भूमि 27 लाख हेक्टेयर है यानी 35 प्रतिशत ही लक्ष्य प्राप्त हो सका है। सूखाड़ की स्थित का आंकलन कर सरकार जल्द निर्णय लेगी।

 

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