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पितृ पक्ष आज से आरंभ गया है और यह 25 सितंबर तक रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आश्विन माह की अमावस्या तक रहता है। पितृपक्ष में पितरों(पूर्वजों) जल अर्पित किया जाता। पितृपक्ष में ही पिंडदान और श्राद्ध का पितरों का तर्पण किया जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि इससे पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है। पितृपक्ष में मांगलिक कार्य करना, मांस-मदिरा का सेवन और बाल-दाढ़ी बनवाना वर्जित माना जाता है।