कोडरमा: जिला बाल संरक्षण इकाई, टीडीएच फाउंडेशन एवं पीआईएससी की ओर से जेंडर सेंसिटिव एप्रोच टू चाइल्ड प्रोटेक्शन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन उपायुक्त कार्यालय के झारनेट सभागार में गुरुवार को किया गया।

कार्यशाला में जिलें के विभिन्न स्टेकहोल्डर्स एवं स्थानीय स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला में रांची से आयी प्रशिक्षक स्मिता गुप्ता ने सेक्स और जेंडर की बेसिक फर्क की जानकारी देते हुए कहा कि अभी भी समाज में जेंडर विषमता है। हम सभी ऊपरी नजर से चीजों का आकलन करते हैं और अपने पीठ थपथपाते हैं। लक्ष्य निर्धारण कर उसे पूरा करने से ज्यादा जरूरी है प्रक्रिया आधारित कार्यक्रम कर चीजों को जड़ से समाप्त करना।

उन्होंने कहा कि जेंडर आधारित शब्द और स्टेटमेंट हमारे रोजमर्रा की जिंदगी और पाठ्यक्रमों में खूब प्रयोग किए जाते हैं, जिस पर हम नजर अंदाज कर देते हैं। उन्होंने इसकी बारीकियां और बाल संरक्षण के अवधारणाओं पर विशेष जानकारी दी। कार्यक्रम में आए सभी प्रतिनिधियों का स्वागत टीडीएच फाउंडेशन के जयदीप ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से एलपीओ दिनेश कुमार पाल, सीडब्ल्यूसी के सदस्य शैलेश कुमार, पंकज, अनिल कुमार सिंह, डोली प्रधान, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के अध्यक्ष राम रतन अवाध्या, समर्पण के शंकर लाल राणा, आरजेएसएस के संगीता कुमारी, सुनीता देवी, साकेत कुमार, कौशिक कुमार, लीड्स के दीपक कुमार, चाइल्डलाइन की सुनीता कुमारी, कल्याण फाउंडेशन की मेरियन सोरेन, लोकमित्र के योगेश कुमार, चाइल्डलाइन के समन्वयक श्रवण कुमार, आदर्श फाउंडेशन के राहुल कुमार, जिला बाल संरक्षण इकाई के संतोष कुमार, सृजन महिला विकास मंच के ललिता सांगा, कंचन कुमारी, मिनी कुमारी आदि ने भाग लिया।
धन्यवाद ज्ञापन समर्पण संस्था के सचिव इंद्रमणि साहू ने किया।

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