Another name for Shaurya... Paramveer Albert Ekka!Another name for Shaurya... Paramveer Albert Ekka!

लांस नायक अल्बर्ट एक्का के जन्मदिन पर विशेष

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भारत का इतिहास कई वीर सपूतों के पराक्रम से भरा पड़ा है. जिनके बलिदान को कालांतर तक याद रखा जाएगा। शौर्य और पराक्रम की जब बात आती है तो वीरता के सर्वोच्च पदक परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिक अल्बर्ट एक्का का नाम स्वतः जेहन में छा जाता है। जिन्होंने 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान गंगासागर में अदम्य साहस, वीरता और बलिदान की मिसाल कायम कर दी।

Another name for Shaurya... Paramveer Albert Ekka!झारखंड के गुमला जिले के डूमरी प्रखंड स्थित जरी गांव में अल्बर्ट एक्का का जन्म 27 दिसंबर 1942 को हुआ।  अल्बर्ट एक्का 1962 में भारतीय सेना के बिहार रेजीमेंट में भर्ती हुए और इसके बाद 14 गार्ड्स में शामिल हो गये। सेना में लांस नायक बनने के बाद उन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पूर्वी सेक्टर के गंगासागर में अदम्य शौर्य का प्रदर्शन किया।

बताया जाता है कि मजबूत मोर्चाबंदी और भारी गोलीबारी के बावजूद अल्बर्ट एक्का ने कई बंकरों को ग्रेनेड से ध्वस्त कर दिया। घायल होने के बावजूद दुश्मन के कई सैनिकों को मार गिराया। यहां तक की मोर्चाबंदी तोड़कर बंदूक की बायनॉट से भी कई दुश्मनों को ढेर कर दिया। आखिरी सांस तक लड़ते हुए 3 दिसंबर 1971 को वे अपने देश पर न्योछावर हो गये। अल्बर्ट एक्का को मरणोपरांत उनके पराक्रम और शौर्य के लिए सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

झारखंड की राजधानी रांंची की हृदयस्थली मानी जानेवाली जगह ‘अल्बर्ट एक्का चौक’ के नाम से जानी जाती है। चौक पर भारतीय सेना के शहीद जवान परमवीर अल्बर्ट एक्का की आदमकद प्रतिमा स्थापित है। हाथ में बंदूक लेकर हमले की मुद्रा में शहीद की प्रतिमा देखते ही जैसे मानो नसों में खून की रवानगी बढ़ जाती है। सिर गर्व से उंचा हो जाता है और अंतरात्मा कृतज्ञता से भर उठती है।

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