छोटा नागपुरे, छोटा नागपुरे…
शिक्षा कर मांदर बाजईय घरे-घरे,
छोटा नागपुरे, छोटा नागपुरे
शिक्षा कर मांदर बाजईय घरे-घरे।

शिक्षा के मंदिर भईया, शिक्षा के पुजारी,
शिक्षा के मंदिर भईया, शिक्षा के पुजारी,
शिक्षा के उमंगवा में नाचई नर-नारी।

छोटा नागपुरे, छोटा नागपुरे…
शिक्षा कर मांदर बाजईय घरे-घरे।

मुन्ना पढ़ई, मुन्नी पढ़ई, पढ़ई भैईया बहिन,
मुन्ना पढ़़ई, मुन्नी पढ़़ई, पढ़़ई भैईया बहिन ,
शिक्षा कर दिया जलई, शिक्षा कर दिया जलई,
नाचई बनवासी।

छोटा नागपुरे, छोटा नागपुरे…
शिक्षा कर मांदर बाजईय घरे-घरे।

च, छः पढ़ई, ट, ठ, पढ़ई, पढ़ई क, ख, ऊवां
अक्षर-अक्षर ज्ञान बढ़ैईय, अक्षर-अक्षर बढ़ैइय
हो जा साक्षर भाई।

छोटा नागपुरे, छोटा नागपुरे…
शिक्षा कर मांदर बाजईय घरे-घरे।

ज्ञान बढ़ई, मान बढ़ई, औरो बढ़ई शान ,
निरक्षरता दूर होतई, निरक्षरता दूर होतई,
भारत महान।

छोटा नागपुरे, छोटा नागपुरे…
शिक्षा कर मांदर बाजईय घरे-घरे

 

 

       श्रीकान्त निराला
      ग्राम – गोन्दलपुरा,
       पोस्ट –  बादम,
     प्रखण्ड – बड़कागांव,      जिला – हजारीबाग, झारखंड

 

Disclaimer- यह रचना लेखक ने स्वविवेक से भेजी है, खबर सेल मौलिकता के संबंध में पुष्टि नहीं करता है।

 

 

 

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